
सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा बाजार को तहसील का दर्जा दिलाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल इकाई सिसवा के पदाधिकारियों ने कहा सिसवा को तहसील का दर्जा नहीं दिया गया तो आगामी चुनाव में मतदाता वोट का बहिष्कार करेंगे।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि सिसवा ऐतिहासिक कस्बा है, जिसे 1871 में ही टाउन एरिया घोषित कर दिया गया था। इसके बावजूद यहां के लोगों को अब तक तहसील जैसी मूलभूत प्रशासनिक सुविधाओं से वंचित रखा गया है। तहसील न होने के कारण यह शहर विकास से कोसो दूर है, लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए भी कई किलोमीटर दूर दौड़ना पड़ता है।
वक्ताओं ने कहा कि सिसवा बाजार न सिर्फ व्यापारिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और जनसंख्या की दृष्टि से भी पूरी तरह से तहसील बनने योग्य है। बावजूद इसके, अब तक सिसवा को यह हक नहीं मिला है। यही कारण है कि जनता में आक्रोश व्याप्त है।
अध्यक्ष शिबू खान ने कहा कि संगठन इस बार चुप बैठने वाला नहीं है। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन के साथ-साथ वोट बहिष्कार जैसा कठोर कदम भी उठाया जाएगा। महामंत्री अश्वनी रौनियार ने कहा कि यह कस्बा लंबे समय से उपेक्षित है और अब जनता अपने हक को लेकर जागरूक हो चुकी है।
इस अवसर पर कोषाध्यक्ष मकसूद अंसारी, उपाध्यक्ष धीरज जायसवाल, दीपक जायसवाल, प्रमोद गुप्ता, संगठन मंत्री मनीष सोनी, सदस्य हरिलाल सोनी, उपाध्याय राजोल अंसारी, उपाध्यक्ष अविनाश मद्धेशिया, नगर मंत्री निखिल रौनियार, उपाध्यक्ष साहब सिंह शेट्टी, इरफान अंसारी, शमीम अंसारी, टेनी, शंकर चौधरी और बुचन गुप्ता सहित कई पदाधिकारी व व्यापारी इस दौरान मौजूद रहे।