नई दिल्ली। अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ बिहार में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के चलते 200 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। रेलवे के सीनियर अधिकारी ने बताया कि शनिवार को 50 कोच और पांच इंजन पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। दानापुर रेल डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर प्रभात कुमार ने कहा कि प्लेटफॉर्म, कंप्यूटर सिस्टम और अन्य तकनीकी उपकरण भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। दरअसल, सैकड़ों लोगों ने इस योजना को वापस लेने की मांग के लिए ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों को जला दिया और तोडफ़ोड़ की।
शुक्रवार को भभुआ रोड, सिधवालिया (गोपालगंज में) और छपरा रेलवे स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों के लगभग एक दर्जन डिब्बों में आग लगा दी गई। बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस के तीन डिब्बे जल गए। सीवान जिले में प्रदर्शनकारियों ने एक रेल इंजन में आग लगाने की कोशिश की। विक्रमशिला एक्सप्रेस के तीन वातानुकूलित डिब्बों में तोडफ़ोड़ की गई।
रेलवे स्टेशन परिसर- जैसे आरा जिले में नवनिर्मित प्लेटफॉर्म और मोतिहारी में बापूधाम रेलवे स्टेशन पर भी तोडफ़ोड़ की गई और नष्ट कर दिया गया। इस दौरान एक यात्री घायल भी हो गया। पूर्व मध्य रेलवे ने कहा कि चार एक्सप्रेस सहित 30 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और अन्य कई घंटों की देरी से चलीं। कुछ ट्रेनें फंसी भी रहीं।
गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने पांच ट्रेनों में आग लगा दी और कई डिब्बों को नष्ट कर दिया। बिहार में प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनों ने 18 जून को राज्य बंद का आह्वान किया है। राजद की बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने वाम दलों के नेताओं की उपस्थिति में बिहार बंद के आह्वान को अपनी पार्टी की ओर से समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम उन छात्रों के समर्थन में हैं जो अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।