Penalty will not be charged from miscreants who blew crores of property in protest against Agneepath
पटना । बिहार में सबसे अधिक अग्निपथ योजना का विरोध देखा गया था। कुछ ही दिनों में करोड़ों की संपत्ति को प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया था। ऐसे में उत्पात मचाने वालों से इस नुक्सान की भरपाई करने की याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी। लेकिन इसे पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। पटना सरकारी संपत्ति के हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में छात्रों को भड़काने और अराजकता फैलाने वाले तत्वों की मदद करने वाले लोगों की जांच करने की भी मांग की गई थी।
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए बताया कि जिम्मेदार अधिकारी उग्र आंदोलन को रोकने में नाकामयाब रहे। इस कारण कई सौ करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति को नष्ट किया गया। उनका कहना था कि इस आंदोलन में क्षतिग्रस्त संपत्ति का आंकलन कर आंदोलनकारियों से पैसों की वसूली की जाए। साथ ही इस आंदोलन में भाग लेने वाली राजनीतिक पार्टियों पर भी जुर्माना लगाया जाए।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम के खिलाफ पूरे देश में हिंसक घटनाएं हुई थी। विरोध के नाम कर करोड़ों की संपत्ति को प्रदर्शनकारियों ने ख़ाक कर दिया था। इसका सबसे अधिक नुक्सान रेलवे को हुआ था।