Used to do Reiki wearing the uniform of a inspector, then used to commit theft
भोपाल। क्राइम ब्रांच ने पुलिस उपनिरीक्षक की वर्दी पहनकर दिन में सूने मकानों की रेकी कर रात में चोरी को अंजाम देने वाले दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है है। किसी को संदेह न हो इसके लिए गैंग में शामिल लोग रेपिडो व ओला में बाइक चलाने का काम भी करते थे, ताकि कालोनियों में सूने मकानों की रेकी की जा सके। आरोपियों ने चोरी की नौ वारदातें कुबूल की हैं। गिरोह सरगना के पास से पुलिस की वर्दी, नकली पिस्टल, ताला तोडऩे के औजार एवं बड़े पैमाने पर चोरी का माल बरामद किया गया है।
एडीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गुरुवार शाम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो युवक बाइक से घूमकर कस्तूरबा अस्पताल के सामने भेल के सूने मकानों में तांकदृझांक कर रहे हैं। उनमें से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी है, लेकिन उसके हाव-भाव से लगता है कि वो पुलिस वाला नहीं है। इस आधार पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर बाइक सवार युवकों को हिरासत में लिया। उनकी पहचान भीमनगर झुग्गी बस्ती निवासी 37 वर्षीय जुबेर मंसूरी एवं प्रेस काम्प्लेक्स स्थित झुग्गी बस्ती निवासी 28 वर्षीय शुभम आट्या के रूप में हुई। पूछताछ करने पर वे पुलिस का परिचय पत्र भी नहीं दिखा सके।
पूछताछ में जुबैर ने पुलिस को बताया कि सादा कपड़ों में सूने मकानों की रेकी करने पर पकड़े जाने का डर रहता था। इस वजह से उसने शुभम के साथ मिलकर पुलिस की वर्दी पहनकर रेकी करने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने गोविन्दपुरा में रहने वाले सीआइएसएफ के दारोगा दयाशंकर भधकारे के घर से वर्दी एवं अन्य सामान पर भी हाथ साफ कर दिया। असली पुलिस दिखने के लिये वे लोग एक नकली पिस्टल भी साथ रखते थे, ताकि जरूरत पडऩे पर लोगों को डराया जा सके। इस गिरोह में जुबेर मंसूरी का सगा भाई शाहरुख भी शामिल है। वह इंदौर में रहता है और चोरी का माल इंदौर में ठिकाने लगाता है। वह चोरी के सामान को सेकेंड हैंड बताते हुए मोहल्ले के लोगों को कम कीमत में बेच देता था।