December 23, 2024
सिसवा विकास खण्ड का मामला: बगैर ग्राम रोजगार सेवक के कैसे हो रहा मनरेगा कार्य

सिसवा बाजार-महाराजगंज। सिसवा विकासखंड के ग्राम मथानिया में मनरेगा के मामले में आखिर अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी क्यों मेहरबान है यह एक बड़ा सवाल बन चुका है, सिन्दुरिया पुलिस को दिए तहरीर में सचिव प्रेमसागर पटेल का नाम ही गायब कर दिया और सिर्फ ग्राम प्रधान व ग्राम रोजगार सेवक का ही नाम डाला और इन दोनों पर मामला दर्ज हुआ है, जब कि पिछले ही माह ग्राम परसिया के ऐसा ही मनरेगा के मामले में ग्राम प्रधान, ग्राम रोजगार सेवक व सचिव के नाम से कोठीभार पुलिस को तहरीर दिया गया और तीनों पर मामला दर्ज हुआ।

बताते चले अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सिसवा सौरभ चौधरी ने 12 जुलाई 2022 को सिंदुरिया थाने पर दिए तहरीर में लिखा है कि उमाशंकर प्रसाद निवासी ग्राम पंचायत मथानिया विकासखंड सिसवा द्वारा इस आशय की शिकायत किया गया था कि विद्यासागर पुत्र सीताराम जॉब कार्ड संख्या 7280 जो दिनांक 22-05-22 को घर से मुंबई के लिए और दिनांक 25-05-22 को मुंबई से कुवैत के लिए रवाना हुए थे, जिसका हाजिरी राजेन्द्र पटेल पुत्र रामनारायण के खेत में पोखरी खुदाई कार्य में दिनांक 23-05-22 से 05-06-22 तक भर कर कुल 14 दिन 2982 रूपये की मजदूरी का गलत तरीके से भुगतान किया गया है, शिकायत की अभीलेखीय परिक्षण अधोहस्ताक्षरी द्वारा किया गया, जिसमें शिकायत सही पाई गई है।

उपरोक्त जाबकार्ड धारी के बाहर होने के बावजूद मनरेगा में हाजिरी लगाकर 2982 रूपये का सरकारी धन का गलत भुगतान ग्राम प्रधान ब्रह्मानंद पटेल व रोजगार सेवक श्रीमती कुंती देवी द्वारा कराया गया है, शिकायत की प्रति इस पत्र के साथ संकलन करते हुए इस आशय से प्रेषित है कि ब्रह्मानंद पटेल ग्राम प्रधान व श्रीमती कुंती देवी ग्राम रोजगार सेवक ग्राम पंचायत मथानिया के विरूद्व प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का कष्ट करें।

तहरीर मिलने के एक सप्ताह बाद यानी 17 जुलाई 22 को सिन्दुरिया पुलिस ने आरोपी ग्राम प्रधान ब्रम्हानंद पटेल व ग्राम रोजगार सेविका कुंती देवी के विरूद्व धारा 419, 420 व 409 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एक जैसे मामले में दो तरह की कार्यवाही क्यों?
पिछले माह सिसवा विकास खण्ड के ग्राम परसिया में मनरेगा मजदूरी का मामला सामने आने के बाद खण्ड विकास कार्यालय ने कोठीभार थाना में ग्राम प्रधान, ग्राम रोजगार सेवक व सचिव के विरूद्व तहरीर दिया और तीनों पर मामला दर्ज हुआ, वही सिसवा विकास खण्ड के ही ग्राम मथनियां में मनरेगा मजदूरी का मामला सामने आने के बाद अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी ने जो सिन्दुरिया पुलिस को तहरीर दिया उसमें ग्राम प्रधान और ग्राम रोजगार सेवक का नाम है और सचिव का नाम गायब कर दिया, ऐसे में पुलिस ने तहरीर के आधार पर दोनों के विरूद्व मामला दर्ज किया।

कौन बचा रहा है सचिव को
मनरेगा में ग्राम प्रधान, ग्राम रोजगार सेवक व सचिव का रोल होता है, ऐसे में अगर किसी ग्राम सभा मे मनरेगा योजना में कोई भ्रष्टाचार या गबन का मामला आता है तो तीनों को दोषी माना जाता है, लेकिन यहां तो ग्राम परसियां में तो तीनों का दोषी माना लेकिन मथनियां में सचिव को गबन से बाहर कर दिया, यानी पूरी तरह बचाव किया है।
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर सचिव प्रेमसागर पटेल को कौन और क्यों बचा रहा है, इसके पीछे राज क्या है?

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