इंदौर। शहर में एक अगस्त से सिंगल यूज प्लास्टिक के भंडारण, परिवहन, उत्पादन और उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध का पालन नगर निगम द्वारा करवाया जाएगा। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने शनिवार को डिस्ट्रीब्यूटर्स, डीलर और विक्रेताओं की बैठक बुलाई जिसमें व्यापारियों पर सिंग यूज प्लास्टिक के सामान का स्टॉक क्लियर करने के लिए चर्चा की गई। बैठक के दौरान व्यापारियों ने पेपर से बने कप, प्लेट, ग्लास सहित अन्य वस्तुओं के स्टॉक क्लियर करने की बात आयुक्त के समक्ष रखी। वहीं सवाल उठाया की सरकार द्वारा मल्टी नेशनल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए चिप्स और कुरकुरे की पैकिंग प्लास्टिक को प्रतिबंधित नहीं किया।
पेपर डिस्पोजल पर मनमनान प्रतिबंध – पेपर डिस्पोजल व्यापारी संगठन के अध्यक्ष हेमंत जैन ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाए गए सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध में पेपर डिस्पोजल शामिल नहीं हैं लेकिन नगर निगम द्वारा इसके उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया गया है। जबकि बाजार में कैरी बेग से भी कम माईक्रोन की कुरकुरे और चिप्स की थैलियों का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है, यह थैलिया डिस्पोजल भी नहीं होती। शहर के 500 व्यापारियों के पासकरोड़ रुपए का पेपर डिस्पोजल आइटम स्टॉक है, जो नगर निगम के प्रतिबंध के बाद बर्बाद हो जाएगा। इस संबंध में प्रदूषण बोर्ड, नगर निगम और व्यापारियों की एक कमेटी बनाई गई है जो जल्द ही स्टॉक क्लियर करने की समस्या का निराकरण करेगी।
जैन का कहना है कि नगर निगम का यह प्रतिबंध जायज नहीं है। पेपर डिस्पोजल प्रतिबंध की श्रेणी से बाहर है इसके बावजूद नगर निगम इस उद्योग को बंद करने पर उतारू है। व्यापारियों की आपत्ति पर निगम आयुक्त ने कहा कि नगर निगम के वेस्ट मैनेजमेंट बायलाज के अनुसार पेपर डिस्पोजल प्लास्टिक भी प्रतिबंधित है। निगम डिस्पोजल फ्री बाजार, चौपाटी बनाने के लिए पिछले तीन सालों से काम कर रहा है। 56 दुकान, मेघदूत गार्डन सहित अन्य बाजारों को प्लास्टिक और पेपर डिस्पेाजल किया गया है, यहां बर्तनों का उपयोग हो रहा है।
निगम आयुक्त ने बताया कि प्रतिबंध का पालन करवाने के लिए टीम गठित की गई है। शहर में प्रतिबंधित प्लास्टिक पॉलिथिन का उपयोग नहीं हो इसके लिए सीएसआई को माइक्रोन नापने के लिए मशीन दी गई। जिससे तत्काल पता चल जाएगा उपयोग होने वाली थैलियां कितने माइक्रोन की हैं।