Amazing negligence: 42 lakh notes kept in boxes rotten, 4 suspended
कानपुर । कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा की करेंसी चेस्ट में रखे 42 लाख रुपये सीलन से गल गए। बैंक के अधिकारियों ने किसी को मामले की भनक नहीं लगने दी, लेकिन जुलाई के अंत में आरबीआई ने जब करेंसी चेस्ट का ऑडिट किया, तो मामला खुल गया। अंततः बैंक प्रबंधन ने चेस्ट में रकम की कमी का हवाला देकर चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। किसी भी बैंक में ये अपनी तरह का अजीबो-गरीब मामला है। बैंक अफसर इस बाबत कुछ बोलने से बच रहे हैं लेकिन रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में नोट सडऩे का खुलासा कर दिया गया है।
पांडुनगर में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में ही मुख्य करेंसी चेस्ट है। बैंक सूत्रों के मुताबिक चेस्ट में क्षमता से दोगुनी ज्यादा रकम भरी है। इस वजह से कैश रखने के निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया। करीब तीन महीने पहले फर्श में रखे बॉक्स में पानी चला गया और सीलन की वजह से नीचे रखे नोट सड़ गए। आरबीआई ने हाल में इस चेस्ट का निरीक्षण किया तो नोट सड़े मिले। तभी से सड़ गए नोटों की वास्तविक संख्या जानने के लिए जांच चल रही थी। शुरुआती गिनती में बैंक को मामला दो-चार लाख का ही लगा लेकिन गिनती खत्म होते-होते यह रकम 42 लाख तक पहुंच गई।
यह उजागर होने पर हड़कंप मच गया और रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई। बैंक की जोनल ऑडिट और विजिलेंस टीम ने चेस्ट की जांच की। बैंक सूत्रों के मुताबिक मामला रफा-दफा करने के लिए अधिकारियों पर 42 लाख रुपये की भरपाई का दबाव डाला गया। इनकार करने पर बुधवार देर शाम करेंसी चेस्ट के वरिष्ठ प्रबंधक देवी शंकर, प्रबंधक आशाराम, चेस्ट आफिसर राकेश कुमार और वरिष्ठ प्रबंधक भास्कर कुमार भार्गव को सस्पेंड कर दिया गया। चार में से तीन अधिकारियों की तैनाती नोट भीगने के बाद चेस्ट में की गई थी।
करेंसी चेस्ट के निरीक्षण के लिए आरबीआई ने नियम तय किए हैं। चेस्ट शाखा के चीफ मैनेजर को महीने में एक बार करेंसी चेस्ट का निरीक्षण करना अनिवार्य है। बैंक कर्मी सवाल उठा रहे हैं कि तत्कालीन चीफ मैनेजर सर्वेश सिंह पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इसी तरह बैंक के सर्किल हेड की भी जिम्मेदारी है कि वह चेस्ट का तिमाही या छमाही निरीक्षण करें। उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरबीआई की करेंसी चेस्ट ऑडिट रिपोर्ट में 18 वें बिंदु पर नोट सडऩे और उनके अगणनीय होने का जिक्र किया गया है।