
मेरठ। लगभग 350 करोड़ के राशन घोटाले में आपूर्ति विभाग के पूर्ति निरीक्षकों को दोषी करार दिया गया है। लखनऊ की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि राशन की कालाबाजारी में पूर्ति निरीक्षकों ने भी रकम वसूली है। इस कारण छह पूर्ति निरीक्षकों को मुकदमे में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का आरोपित बनाया जा रहा है। सभी के खिलाफ जल्द ही पुलिस चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश करेगी।
तत्कालीन डीएसओ के कंप्यूटर आपरेटर शहनवाज और पूर्ति निरीक्षक की आइडी पर काम करने वाले जुल्फिकार को पुलिस ने जेल भेज दिया। जुल्फिकार ने पूछताछ में बताया कि शहनवाज के सहयोग से पूर्ति निरीक्षक की आइडी और पासवर्ड प्राप्त कर आधार नंबर बदलते थे। उसके बाद अफसरों की सहमति से राशन की कालाबाजारी की जाती थी। राशन डीलर की ई-पास मशीन प्राप्त करके उस पर बायोमैट्रिक चिन्ह लगाकर फर्जी राशन वितरण कर दिया जाता था। उसी राशन को बाजार में अवैध तरीके से कालाबाजारी कर बेच देते थे।
222 लोगों के आधार कार्ड की आइडी व पासवर्ड का प्रयोग कर 27 हजार से अधिक अपात्र लोगों का राशन निकाला था।
बताया गया कि बाजार से आई रकम की हिस्सेदारी आपूर्ति विभाग के अफसर और कर्मचारियों को दी जाती थी। इस तरीके से करीब 27 हजार से अधिक लोगों के राशन की कालाबाजारी की जा चुकी है। पुलिस ने जुल्फिकार के बयानों को विवेचना का हिस्सा बनाया है, जिसके तहत पूर्ति निरीक्षक आरोपित बनाए जा रहे हैं।
इसके अलावा विभागीय जांच की रिपोर्ट भी लखनऊ से पुलिस को मिल गई है, जिसमें छह पूर्ति निरीक्षकों की शह पर राशन की कालाबाजारी होना बताया गया है। विभागीय रिपोर्ट और स्टाफ के बयानों को आधार बनाकर पुलिस छह पूर्ति निरीक्षकों को मुकदमे में भ्रष्टाचार का आरोपित बनाकर चार्जशीट तैयार कर रही है। अगले 15 दिनों में चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी।
भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ समेत कई जिलों में अपात्र लोगों को फर्जी तरह से राशन देने के नाम पर करोड़ों का घोटाला किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। मेरठ में करीब 350 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई। 2016 से 2017 के बीच हुई राशन कालाबाजारी के जुलाई 2018 में 60 मामले दर्ज हुए। इसकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया था।
जनपद में राशन कालाबाजारी के 60 मुकदमे पूर्ति निरीक्षकों की तरफ से राशन डीलरों पर लिखाए गए थे। अब पुलिस मुकदमों के वादी पूर्ति निरीक्षकों को ही आरोपित बनाकर कोर्ट में आरोप पत्र फाइल करने जा रही है। एसएसपी रोहित सजवाण का कहना है कि छह पूर्ति निरीक्षकों पर भ्रष्टाचार अधिनियम में कार्रवाई होगी। अगले पंद्रह दिनों में सभी मुकदमों की चार्जशीट कोर्ट में पहुंचा दी जाएगी।
2018 जुलाई में अलग-अलग थानों में राशन की कालाबाजारी के 60 मुकदमे दर्ज किए। 08 आरोपितों को जेल भेजने के बाद विवेचना के लिए एसआइटी का गठन किया। 222 लोगों के आधार कार्ड की आइडी व पासवर्ड का प्रयोग कर 27 हजार से अधिक अपात्र लोगों का राशन निकाला था। 02 साल में 11 हजार राशन कार्ड रद करने के अलावा करीब 52 हजार फर्जी यूनिट भी काटी गई थी।