February 5, 2025
सूफी साहब के दसवें उर्स की होने लगीं तैयारियां, 25 नवम्बर से शुरू होगा दो दिवसीय कार्यक्रम

सेराज अहमद कुरैशी
संत कबीर नगर। भारत के प्रसिद्ध सूफी बुजुर्ग इस्लामिक विद्वान हजरत सूफी निजामुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह के दसवें उर्स की तैयारियां शुरू हो गई है। खानकाह व परिसर में साफ सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है। सूफी साहब के उर्स को अकीदत के साथ मनाने के लिए आयोजनकर्ता व नाजिमे उर्स हाफिज महबूब निजामी,मौलाना सनाउल मुस्तफा निजामी और हाजी फखरूल हसन खान निजामी अपनी पूरी टीम के साथ-साथ रात दिन मेहनत कर रहे हैं। सूफी साहब के मुरीद खानकाह पर पहुंच रहे हैं। दो दिन तक चलने वाले इस उर्स में नातिया कार्यक्रम के साथ निजामी कांफ्रेंस का भी आयोजन किया जाएगा।

देश के कोने-कोने से पहुंचने लगे सूफी साहब के मुरीद

सेमरियावां ब्लॉक के अगया निवासी प्रसिद्ध इस्लामिक विद्धान खतीबुल बराहीन अलहाज अश्शाह हजरत सुफी मोहम्मद निजामुद्दीन मुहद्दिस बस्तवी रहमतुल्लाह अलैह का दसवां उर्स 25 नवम्बर से पैतृक गांव अगया में अकीदत व खुलूस के साथ मनाया जाएगा। उर्स के कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से उनके मुरीद पहुचते हैं। शुक्रवार से ही से मुम्बई, मध्यप्रदेश, बंगाल, गुजारत गोवा व अन्य प्रदेश से उनके मुरीद खानकाह पर पहुंच कर तैयारियों में लग गए हैं। हजरत सूफी साहेब के मुरीदों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए रास्ते से लेकर खानकाह परिसर तक की साफ सफाई की व्यवस्था की जा रही है।

1928 में हुआ था सूफी साहब का जन्म
अल्लाह के सच्चे बन्दे जुबान, कलम व किरदार से राहे हक की ओर ले जाते हैं। उसी किरदार के मालिक भी हजरत सूफी साहब थे। उन्होंने पूरी जिन्दगी अपने अमल व किरदार से सीधा रास्ता दिखाने का कार्य किया। खतीबुल बराहीन अलहाज अश्शाह हजरत सुफी मोहम्मद निजामुददीन मुहद्दिस बस्ती रहमतुल्लाह अलैह का जन्म सेमरियावां के अगया में 15 जनवरी 1928 को हुआ था।

ये होंगे कार्यक्रम
सज्जाद नशीन हजरत मौलाना हबीबुर्रहमान ने बताया कि 25 नवम्बर को नामज-ए-फज बाद कुरानख्वानी व हल्का- ए- जिक्र, सुबह 9 बजे तरही मनकबती मुशायरा,बाद नमाज-ए-जोहर जुलूसे चादर,बाद नमाज-ए-मगरिब तकसीमें लंगर,बाद नमाज-ए-ईशा निजामी कांफ्रेंस 26 नवम्बर की सुबह में आठ बजे मजार पर कुल शरीफ के आयोजन के बाद उर्स का कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा।

पुस्तकों का लगेगा मेला
सूफी साहब के उर्स में किताबों पर मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में सैकड़ों दीनी किताबें होगी। मौलाना जियाउल मुस्तफा निजामी ने बताया कि इस पुस्तक मेले में सूफी साहब की ओर से लिखी दर्जनों किताबें व सफी साहब पर लिखी अन्य लेखकों की किताबें भी शामिल होगी।

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