December 23, 2024
बेमेल प्यार की कहानी का अन्त, तीन बच्चो का मोह भी न बदल सका अंजाम, फांसी के फंदे से लटकते मिले प्रेमी युगल के शव

रायबरेली। गुरबक्श गंज थाना क्षेत्र के बसिगवा गांव के सामने स्थित एक ईट भट्टे के पास आम के पेड़ से लटकते प्रेमी युगल के शव पाए गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया घटना की खबर मिलते ही मौके पर परिजन भी पहुंच गए। वहीं घटना की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक के साथ फॉरेंसिक टीम भी पहुंच गई मौके से फॉरेंसिंग टीम ने फिंगरप्रिंट लिए और साक्ष्य एकत्रित किए।

खीरों थाना क्षेत्र के उन्नत खेड़ा गांव के रहने वाले वीरेंद्र लोधी 22 वर्ष का मौरावा थाना क्षेत्र के रामदास खेड़ा गांव मैं उसके बड़े भाई की साली के साथ लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। कुछ साल पहले युवती की शादी कहीं दूसरी जगह हो गई लेकिन उसके बाद भी दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलता रहा। वीरेंद्र का उसके बड़े भाई की साली सीमा के साथ प्रेम प्रसंग चलता रहा। सोमवार की सुबह बसिगवा गांव के सामने आम के पेड़ पर एक ही रस्सी में दोनों केशव लटकते देख राहगीरों में सूचना पुलिस को दी। युवक बीरेंद्र बीते रविवार को अपने घर से बाइक से निकला था और उसने बाइक को अपने बहन के घर चंद्रावल गांव में बाइक को खड़ा कर दिया। उधर प्रेमिका भी घर से निकली। दोनों ने एक ही रस्सी में एक साथ फांसी पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

पुलिस ने दोनों शवों को पीएम के लिए भेज दिया और मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी हालांकि परिजनों की ओर से अभी तक किसी तरह की पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई। थाना प्रभारी इंद्रपाल सिंह का कहना है कि तहरीर मिलते ही मामले में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिर भी मामले की जांच पड़ताल की जा रही है फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से फिंगर प्रिंट ले लिए हैं और जांच के लिए भेजा जा रहा है।

तीन बच्चो का मोह भी न बदल सका अंजाम
कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। इसका परिणाम कैसा होगा? इसकी परवाह कौन करता है। सीमा व बीरेंद्र की मौत इसी प्यार की दुखद परिणिति है। दोनों ने आखिर मौत का रास्ता ही क्यों चुना? तीन बच्चो का मोह भी इस हादसे को नही रोक पाया यह भी एक बड़ा सवाल है। आखिर क्यों उन दोनो ने ऐसा कियायह राज भी दोनों की मौत के साथ ही दफन हो गया। करीब बत्तीस साल की तीन बच्चों की माँ और बाइस साल के अविवाहित नौजवान के बीच पैदा हुआ प्यार महज आठ महीने मे एक कहानी बन कर रह गया।

बेमेल प्यार-मोहब्बत की इस पटकथा के दोनो पात्र अगल-अलग जनपदों के निवासी हैं। फाँसी के फन्दे पर लटका मिला 22 साल का बीरेन्द्र रायबरेली जनपद के खीरों थाना क्षेत्र के उन्नत खेरा गाँव का रहने वाला था।जबकि करीब 32 साल की सीमा उन्नाव जनपद के मौरावाँ थाना क्षेत्र के टोपरा गाँव की रहने वाली थी और इसी थाना क्षेत्र के रामदास खेरा गाँव मे व्याही थी। सीमा का विवाह करीब बारह साल पहले हुआ था। अब वह, दो बेटियों व एक बेटे की माँ थी। सीमा की छोटी बहन पूजा का विवाह करीब डेढ़ साल पहले मृतक बीरेन्द्र के बड़े भाई रबीन्द्र के साथ हुआ था। रबीन्द्र के मुताबिक अप्रैल मे उसकी नवजात बेटी का मुण्डन था तब पहली बार सीमा उसके घर आई थी, तभी बीरेन्द्र उससे मिला था, लेकिन दोनो के बीच प्यार-मोहब्बत कब शुरू हुई किसी को नही पता। एक अन्य जानकारी के मुताबिक बीरेन्द्र अक्सर सीमा की ससुराल, टोपरा गाँव जाकर उससे मिलता था, इस पर सीमा का पति ऐतराज भी करता था।

बताते हैं कि बीरेन्द्र से मिलने को लेकर सीमा से उसके पति ने करीब सप्ताह भर पहले मारपीट की थी।
जब दोनो को लगा कि जमाना उन्हे एक साथ जीने नहीं देगा तो दोनो ने एक साथ मरने की तैयारी कर ली। सीमा अपने इश्क के लिए अपने वात्सल्य और ममता की बलि चढ़ाने को तैयार थी। योजना के मुताबिक बीरेन्द्र रविवार की शाम बाइक से गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र के बसिगंवा गाँव के पास स्थित गाँव चन्दरावल, अपनी बहन के घर पहुँचा। उसने बाइक, अपनी बहन के घर चंद्रावल गांव में खड़ी कर दिया, और बिना बताये लापता हो गया। बीरेन्द्र ने सीमा को भी चन्द्रावल बुलाया था। वह भी बीरेन्द्र के पास पहुँच गई। दोनों बसिगंवा गाँव के पास पहुँचे और गाँव के किनारे एक आम के पेड़ की डाल पर एक रस्सी लटकाई और इसी एक रस्सी से दोनो फाँसी पर झूल गये। दोनो की मौत के साथ ही एक बेमेल प्यार की कहानी का अन्त हो गया।

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