प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराने के लिए लाए गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई, दोनों को पांच दिनों की रिमांड के दौरान मेडिकल जांच के लिए लाया गया था, जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया गया, उससे एक बात तो तय है कि हत्यारे प्रोफेशनल शूटर थे।
वारदात के बाद जो बातें सामने आई हैं, उससे इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें किसी बड़े सुपारी किलर गैंग का भी हाथ हो सकता है। दरअसल सूत्रों का कहना है कि मौके से बरामद तीन असलहों में से एक इटैलियन पिस्टल भी थी, जिसकी कीमत पांच लाख से ज्यादा बताई जा रही है। इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल प्रोफेशनल गैंग ही करते हैं। ऐसे में इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यह शूटआउट सुपारी देकर अंजाम दिलाया गया हो।
शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उन्होंने वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी थाम रखी थी। दो शूटर जहां वीडियो कैमरा और माइक आईडी लिए हुए था। वहीं उनका तीसरा साथी एक बैग थामे हुआ था। जैसे ही अतीक व अशरफ अस्पताल के भीतर घुसे, तीनों ने अपने हाथ में थामे हुए वीडियो कैमरा, माइक आईडी और बैग जमीन पर फेंक दिए और पिस्टल निकालकर गोलियां बरसाने लगे।
अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले शूटरों ने नाइन एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल किया। मौके से तीन नाइन एमएम पिस्टल बरामद की गईं। साथ ही नाइन एमएम कारतूस के 11 खोखे भी बरामद हुए हैं। अतीक मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आगे बढ़ा ही था कि एक शूटर ने पीछे से आकर उसके सिर के पिछले हिस्से में बाईं ओर गोली दागी। इसके बाद अतीक जमीन पर गिरा। उधर गोली चलने की आवाज सुनकर अशरफ भाई को संभालने के लिए पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे पर गोली दाग दी। इसके बाद अशरफ भी जमीन पर लुढ़क गया और फिर तीनों शूटरों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।
जिस तरह से पहली ही गोली अतीक के सिर और अशरफ के चेहरे पर मारी गई, उससे यह भी पता चलता है कि हत्यारे जानते थे कि उन्हें कहां गोली मारनी है। उन्हें मालूम था कि सिर्फ सीने या शरीर के अन्य किसी हिस्से में गोली लगने पर दोनों बच भी सकते हैं। इसी वजह से उन्होंने पहली ही गोली सीधे टारगेट पर दागी।