नई दिल्ली। नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने विदेश से एमबीबीएस MBBS कर भारत लौटे छात्रों को बड़ी राहत दी है। इन्हें भारत में इंटर्नशिप पूरी करने के लिए श्एक बार की राहत्य दी गई है। एनएमसी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट ठ्ठद्वष्.शह्म्द्द.द्बठ्ठ पर उन 673 अस्पताओं की लिस्ट जारी की है जहां से ये छात्र इंटर्नशिप कर सकते हैं। इनमें नॉन टीचिंग अस्पताल भी शामिल हैं।
Big relief to students who returned after doing MBBS abroad, NMC gives permission to complete internship
एनएमएसी ने कहा कि यह राहत सिर्फ एक बार के लिए दी गई है। फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट छात्रों को इन नॉन टीचिंग अस्पतालों में सीट आवंटन का काम केवल संबंधित राज्यों की मेडिकल काउंसिलों के माध्यम से किया जाएगा। एनएमसी के लेटेस्ट सर्कुलर के मुताबिक 673 अस्पतालों में विदेश से एमबीबीएस कर लौटे छात्र अपनी इंटर्नशिप पूरी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर भारत लौटे छात्र पिछले कई महीनों से यह शिकायत कर रहे थे कि एफएमजीई परीक्षा करने के बावजूद उन्हें अस्पतालों में इंटर्नशिप करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। कंपलसरी रोटेटिंग इंटर्नशिप ट्रेनिंग के लिए विभिन्न राज्यों में अस्पतालों को अनुमति प्रदान की गई है।
गाइडलाइंस में एनएमसी ने कहा है कि इंटर्नशिप को एमबीबीएस फाइनल या एफएमजीई या नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) स्टेज- ढ्ढ पास करने के दो साल के भीतर पूरा करना होगा। एनएमसी ने कहा कि दो साल की इंटर्नशिप का प्रावधान केवल फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट पर लागू होता है जो मेडिकल की पढ़ाई के अंतिम वर्ष में थे और कोविड-19 या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौट आए।