Bulldozer run in Gorakhpur – Municipal Corporation freed land worth Rs 100 crores.
Gorakhpur। स्थानीय महानगर स्थित घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम गोरखपुर ने करीब 50 साल से अवैध कब्जे में 100 करोड़ रुपये की जमीन को मुक्त करा ली हैं, बुधवार को मौजा मेवातीपुर उर्फ चौनपुर, तप्पा कस्बा, परगना हवेली, तहसील सदर में स्थित आराजी संख्या-1, 2, 3, 4, 5, 6 रकबा 46 डिसमिल 9 कड़ी पर निगम का पोकलेन और बुलडोजर चला। कार्रवाई में 12 आवासीय परिसर और 31 व्यावसायिक दुकानें ध्वस्त की गईं।
अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह की अगुवाई में नगर निगम की टीम ने धवस्तीकरण की कार्रवाई किया, इस जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपये है। कार्रवाई के दौरान काफी मात्रा में पुलिस बल के होने की वजह से प्रतिरोध करने वालों की नहीं चली। अवैध कब्जा ध्वस्त कर मलबा उठाया जाने लगा, केवल मजार का भवन ही अवशेष रह गया था।
जर्जर हो चुकी थीं 31 दुकानें
आराजी संख्या-1, 2, 3, 4, 5, 6 रकबा 46 डिसमिल 9 कड़ी जमीन सहन अस्तबल जम्मन 15 (2) मिनिबल बोर्ड खाता संख्या-3 में 12 आवासीय में 12 आवासीय एवं 31 व्यवसायिक दुकानें थीं। सभी पूरी तरह से ही जर्जर हो चुकीं थी। निगम के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को कभी भी जान माल का खतरा उठाना पड़ सकता था।
अधिशासी अभियंता की रिपोर्ट पर नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 331(1) के अंतर्गत परिसर के आवासित दुकानों-मकानों से संबंधित व्यक्तियों को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की। जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले से अवगत कराते हुए 20 जनवरी को पुलिस बल की मांग की गई थी। निर्धारित तिथि बुधवार को पुलिस बल की मौजूदगी में धवस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी की गई।
दो दिन हुई सार्वजनिक उद्घोषणा
अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने बताया कि नगर आयुक्त के निर्देश पर अधिशासी अभियंता ने जांच कर अपनी रिपोर्ट में बताया था कि घोष कंपनी के पास स्थित सहन अस्तबल के खाते में बनी दुकानें-आवास पूर्ण रूप से जर्जर हो चुकी हैं। कभी भी जान-माल का खतरा हो सकता है। इसलिए परिसर के सभी आवासों एवं दुकानों को जनहित में ध्वस्तीकरण किया जाना चाहिए।
31 अक्टूबर 2023, 30 नवंबर 2023 को नोटिस देकर निर्देश दिया गया कि दुकान एवं आवासों का स्वयं ध्वस्तीकरण करा लें, मगर उन लोगों ने बात नहीं मानी। 5 जनवरी को सार्वजनिक सूचना सहन व अस्तबल खाते की भूमि पर चस्पा कराया गया। 21 जनवरी, 22 जनवरी एवं 23 जनवरी को सुबह शाम सार्वजनिक उद्घोषणा कराया गया। उसके बाद लोगों ने कदम नहीं उठाया तो धवस्तीकरण की कार्रवाई हुई।