Chitrakoot चित्रकूट (विनोद मिश्रा)। राष्ट्रीय रामायण मेला (प्रांतीयकृत) के 51वें समारोह का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर इसे विश्वस्तीय स्वरूप दिये जानें पर जोर दिया गया। गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य अधोछाजानंद देवतीर्थ एवं अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज नें संयुक्त रूप से किया।
शंकराचार्य नें कहा श्रीराम सत्यसंघ हैं, उनका चरित्र अनुकरणीय है, उसे अपने जीवन में उतारने की प्रबल आवश्यकता है।
चित्रकूट की महिमा पर प्रकाश डालते हुए हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज ने कहा कि चित्रकूट का कण-कण भगवान राम के चरण संचरण से सुवासित है। भगवान राम ने यहां आकर यहां के आदिवासी, जनजाति व कोलभीलों के बीच रहकर के एक समन्वयवादी संस्कृति का निर्माण किया।
पूर्व सांसद भैरो मिश्रा नें कहा की प्रांतीय राष्ट्रीय कृत रामायण मेला को विश्व स्तरीय रामायण मेला बनाये जानें की दिशा में प्रयास होना चाहिये।
इसके पूर्व संतो-महंतो का स्वागत कार्यकारी अध्यक्ष रामायण मेला प्रशांत करवरिया, पूर्व नगर पालिका अध्यक्षा नीलम करवरिया, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र और डॉ करूणा शंकर द्विवेदी महामंत्री ने माल्यार्पण, शाल एवं मानसग्रंथ भेट कर किया। संचालन करुणा शंकर दिवेदी एवं डाक्टर चन्द्रिका प्रसाद दीक्षित नें किया।