February 23, 2025
नवनिर्मित सिल्वर फीनिक्स मैरेज हाल में चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण कथा का चौथा दिन

सिसवा बाजार-महराजगंज। स्थानीय नगर के कोठीभार स्थित नवनिर्मित सिल्वर फीनिक्स मैरेज हाल में चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण कथा सुनाते हुए साध्वी किशोरी प्रिया ने आज कथा के चौथे दिन प्रहलाद चरित्र ,गजराज की कथा, समुद्र मंथन,वामन अवतार,भगवान कृष्ण की जन्म कथा ,पवन ऋषि की कथा,राजा अम्बरीष की कथा,गंगा मैया का पदुर्भाव सुनाते हुए बताया कि हिरण्याकश्यप श्री नारायण से ईर्ष्या भाव रखता था और अपने पुत्र प्रहलाद को दैत्य नीति सीखने के लिए सांडिया मर्कत के पास भेजा था।

नवनिर्मित सिल्वर फीनिक्स मैरेज हाल में चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण कथा का चौथा दिन

प्रहलाद श्री हरि नारायण भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था जो दैत्य आश्रम में रह कर भी श्री हरि की भक्ति में लीन रहता था जब हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद से पूछा कि तुम दैत्य आश्रम में क्या सीखे तो भक्त प्रहलाद नी बताया है कि भगवान की प्राप्ति के नौ साधन है जिसको नवधा भक्ति कहा जाता है यह नौ साधन इस प्रकार है भगवान की कथा का श्रवण करे, किर्तन करे, स्मरण करे, उनकी चरणों की सेवा करे, अर्चन करे,वंदन करे, प्रभु का दास हूं इस भाव से भक्ति करने से ही जीव का कल्याण होता है। नवधा भक्ति और भगवान की बात सुन कर हिरणाकश्यप ने अपने पुत्र को मारने का आदेश जल्लादों को दिया हर यत्न किया लेकिन हर बार श्री हरि अपने भक्त की रक्षा करते रहे और अंत में भक्त की पीड़ा को देख कर श्री हरि ने नरसिंह अवतार ले कर हिरन्याकश्यप का वध किया।

नवनिर्मित सिल्वर फीनिक्स मैरेज हाल में चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण कथा का चौथा दिन

गजराज की कथा कहती हुए बताया कि गजराज त्रिकूट पर्वत के निकट एक सुन्दर सागर में क्रीड़ा के रहे थे तो उसी समय एक ग्राह मगरमच्छ ने गजराज का पैर अपने जबड़े में लेकर गहरे पानी में ले जाने का प्रयास किया ।गजराज के कष्ट में एक कमल पुष्प चढ़ा कर श्री हरि से मदद मांगने से स्वयं श्री हरि ने गजराज की रक्षा की थी। जैसा कि कहा गया है कि भगत के वश में है भगवान, बस भक्त को पूर्ण विश्वास अपने आराध्य पर करने की जरूरत है।
इस कथा में यजमान सुशीला देवी, प्रमोद जायसवाल, सोमनाथ चौरसिया, राजू जायसवाल, नथुनी ,पवन अग्रवाल , ओम प्रकाश जायसवाल सहित परिवारजन व भक्तगण उपस्थित रहे।

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