Gorakhpur News – 50 GDA shops will be demolished in Shastri Nagar, complex will be built.
Gorakhpur। स्थानीय महानगर के शास्त्रीनगर में गोरखपुर विकास प्राधिकरण GDA की निर्मित सभी 50 दुकानें ध्वस्त होंगी। इन जर्जर पड़ी दुकानों से प्राधिकरण को कोई आय नहीं हो रही बल्कि हादसे की आशंका भी बना रहती है। हालांकि इन दुकानों में 02 आवंटित हैं, ध्वस्तीकरण के पूर्व उनके आवंटियों का समायोजन होगा। प्राधिकरण की योजना इस जमीन पर कामर्शियल एवं आवासीय कॉम्प्लेक्स बनाने की है।
शास्त्रीनगर में जीडीए ने 1988 में 1500 वर्ग मीटर जमीन में 50 की संख्या में दुकानों का निर्माण किया था। प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने गत दिवस निरीक्षण के दौरान इन दुकानों की जर्जर हालत देखते हुए सभी की ध्वस्त करने के निर्देश दिया। साथ ही इस जमींपर पर कामर्शियल एवं आवासीय काम्प्लेक्स के निर्माण के निर्देश दिया। इसमें नीचे के फ्लोर पर दुकानें और ऊपर आवास बनाए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज रोड पर दो एकड़ जमीन पर बनेगी ग्रुप हाउसिंग व कामर्शियल परियोजना
मेडिकल कॉलेज रोड पर डॉक्टर एन्क्लेव के निकट प्राधिकरण की दो एकड़ जमीन है। इस जमीन का अधिकांश हिस्सा खाली है, जबकि कुछ पर अतिक्रमण है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन के निर्देश पर इस अतिक्रमण को जल्द ही हटाया जाएगा। प्राधिकरण इस जमीन पर ग्रुप हाउसिंग और कामर्शियल परियोजना की संभावनाएं तलाश रहा है। रोड से लगी इस जमीन से प्राधिकरण को अच्छी आमदनी की उम्मीद है।
जीडीए की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) इन दोनों ही परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्ट तैयार करेगी। नगर नियोजक हितेश शर्मा की अगुवाई वाली इस टीम में अर्बन डिजाइनर, ट्रांसपोर्ट प्लानर, सिविल इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, वित्त विशेषज्ञ शामिल हैं, सभी मिल कर प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। इसके अलावा प्राधिकरण के आर्य संवर्द्धन एवं स्थायित्व बनाने के लिए गठित टीम दोनों प्रोजेक्ट से होने वाली आय की प्लानिंग करेगी।
जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि शास्त्रीनगर और मेडिकल कॉलेज रोड की दोनों जमीनों के लिए नगर आयुक्त के निर्देश पर प्लानिंग शुरू हो गई है।
जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने बताया कि शास्त्रीनगर में निर्मित दुकानें जर्जर हो गई हैं। उन्हें ध्वस्त कर वहां पर कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा। इसमें नीचे दुकानें और ऊपर आवासीय रहेगा। वहीं डॉक्टर एन्क्लेव के पास दो एकड़ जमीन पर भी व्यवसायिक परियोजना की संभावना को तलाशा जा रहा है।