कसया-कुशीनगर । कसया तहसील क्षेत्र के गांव भठही बाबू में चल श्रीमद्भागवत कथा में रविवार की रात में कथा व्यास पंडित विजय पांडेय ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। सुदामा जी जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते । गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते। पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है। कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङकर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते । उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सिंघासन पर बैठाकर कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं।
कथा के मुख्य अतिथि कसया थाना प्रभारी निरीक्षक डाक्टर आशुतोष कुमार तिवारी रहे और वहां मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा श्रीमद भागवत कथा में कहा गया है कि शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। आप सभी लोग कथा को सुनकर अपने जीवन में इसकी अच्छाइयों को उतारे।
आयोजन समिति के सदस्य व मुख्य यजमान श्रीमती निर्मला देवी व अखिलेश मिश्रा मुख्य यजमान श्रीमती निर्मला देवी अखिलेश मिश्रा इस दौरान देवेन्द्र मिश्र रमेश मिश्रा उमेश मिश्रा सुभाष मिश्रा ग्राम प्रधान डिम्पल पांडेय लखन मदेशिया चन्दरभूषण मिश्रा घनश्याम मिश्रा महेश आनन्द अरबिंद तिवारी गीता देवी पिंकी मिश्र प्रतिभा गुड़िया शिल्पा अनारी देवी पूजा अभिषेक आदि मौजूद रहे।