
सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा क्षेत्र के गन्ना किसानों के साथ जेएचबी चीनी मिल गड़ौरा ने गजब का खेल खेला है और इस खेल में चीनी मिल ने गन्ना किसानों के करोड़ों रूपया अबतक भुगतान नही किया, ऐसे में गन्ना किसान अपने गन्ने के भुगतान के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे है, वही केन्युनियन सिसवा के सचिव ने तो पूरी तरह इस मामले से पल्ला झाड़ लिया और उनका कहना है, किसानों ने गन्ना की आपुर्ती किया है वही इस मामले को समझे, हमारे विभाग से इस का कोई लेना-देना नही है।
जेएचबी चीनी मिल गड़ौरा ने ऐसे खेला खेल
जेएचबी चीनी मिल गड़रौ ने पिछले सत्र में सिसवा क्षेत्र के दर्जनों गावों में गन्ना किसानों से सम्पर्क किया और उनहे गन्ना पर्ची देने के लिए उनके बैंक खाता व आधार लेने के बाद गन्ना पर्ची दिया लेकिन पर्ची पर सबकुछ सही अंकित करते हुए क्षेत्र का नाम ठकरहा और बलुआ लिखा, जब कि यह दोनों गांव सीमावर्ती बिहार राज्य में पड़ता है।
चीनी मिल के इस चालबाजी को गन्ना किसान नही समझ पाये और उसी पर्ची पर सिसवा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकड़ों की संख्या में किसान गन्ना सीचे जेएचबी चीनी मिली गड़ौरा को भेज दिया, गन्ना भेजने के बाद दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों का करोड़ों रूपये का भुगतान आज भी चीनी मिल ने नही किया है।

भुगतान के लिए गन्ना किसान परेशान
किसानों के लिए गन्ना एक नगद का सौदा माना जाता है और पूरे एक साल खेतों में मेहनत करने के बाद चीनी मिल को भेजते है, वहां से एक मुस्त जो पैसा मिलता है उससे वह शादी हो या फिर घर का खर्च के साथ ही लिए कर्जों का भुगतान करते है लेकिन यहां तो पिछले एक साल से धोखाधड़ी कर गन्ना किसानों से गन्ना लेने के बाद चीनी मिल द्वारा भुगतान न किए जाने से किसान काफी परेशान है।

19 अक्टूबर को चीनी मिल पर हुंकार भरेंगे किसान
सिसवा केन्युनियन पर आज किसानों का एक प्रतिनिधिमण्ड आये हुए था और वह अपने गन्ना के भुगतान के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया, जिसमें किसानों ने लिखा है कि 19 अक्टूबर को सुबह 10 बजे वह सभी गन्ना किसान जिनका भुगतान जेएचबी गड़ौरा चीनी मिल ने नही किया है चीनी मिल गेट पर एकत्र होंगे, इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

इस मामले में केन्युनियान से कोई मतलब नही
गन्ना किसानों के इस बकाये भुगतान के मामले में सिसवा केन्युनियन से कोई मतलब नही है, किसान स्वंय चीनी मिल से मिल कर अपना भुगतान कराएं, यह बाते सचिव डा. प्रेमनाथ पाण्डेय ने कहा।
उन्होंने कहा किसानों ने अपनी मर्जी से गन्ना चीनी मिल को सौंपा है, ऐसे में केन्युनियन इस मामले में कुछ भी नही करेगा, भुगतान के लिए गन्ना किसान ही अपने स्तर से जो करना है करें।