निचलौल-महाराजगंज। निचलौल विकासखंड के ग्राम पैकौली कला में पूर्व प्रधान के कार्यकाल में हुए मनरेगा घोटाले का मामले को अधिकारियों ने भले ही दबाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन वह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है, हालत तो यह है कि तीन अधिकारियों द्वारा मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश के बाद भी 23 माह गुजर गए लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, ऐसे में शिकायतकर्ता ने फिर जिलाधिकारी से मिलकर इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग किया है।
निचलौल विकासखंड के ग्राम पैकौली कला निवासी रितेश पांडे ने 30 जूलाई 2020 को तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा घोटाले की शिकायत उच्चाधिकारियों से किया गया था, जांचं में आरोप सही पाया गया और तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल द्वारा 26 सितम्बर 2020 को उपायुक्त मनरेगा को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया, जिस पर उपायुक्त ने 26 सितम्बर 2020 को ही खण्ड विकास अधिकारी निचलौल को सम्बंधित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया, इस के बाद खण्ड विकास अधिकारी निचलौल ने 5 अक्टूबर 2020 को सचिव योगेश कुमार मद्वेशिया को आदेश दिया गया कि मनरेगा घोटाले के सम्बंधित के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज कराया जाए लेकिन इतने आदेशों के बाद भी आज तक कोई प्राथमिकी नही दर्ज की गयी और मामले को मैनेज कर लिया गया।
जांच मे मनरेगा घोटाला उजागर होने व उच्चाधिकारियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के आदेश के बाद भी दो साल तक कोई कार्यवाहीन होने पर शिकायतकर्ता रितेश पाण्डेय ने 29 अगस्त 2022 को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है और कार्यवाही की मांग की है।
उन्होंने शिकायत में लिखा है कि ग्राम पैकौली कला के पूर्व ग्राम प्रधान अरविंद कुमार मिश्रा ग्राम पंचायत अधिकारी को अपने प्रभाव और साजिश में करके मनरेगा योजना के तहत शासन द्वारा भेजी गई मजदूरी की धनराज को धोखाधड़ी एवं जालसाजी करके कूट रचित तरीके से दूसरे के जॉब कार्ड नंबर पर अपना तथा अपनी पत्नी भाइयों एवं रिश्तेदारों तथा सगे संबंधियों का बैंक खाता लगाकर फर्जी तौर पर भुगतान करा कर लिया गया, इतना ही नहीं पूर्व ग्राम प्रधान की पत्नी जो आंगनबाड़ी मैं कार्यरत है उनके बैंक खाते में भी दूसरे के जॉब कार्ड दिखाकर मनरेगा की मजदूरी का भुगतान करा लिया गया, इसकी शिकायत 30 जुलाई 2020 को मुख्य विकास अधिकारी को शपथ पत्र के माध्यम से देते हुए जांच करने की मांग की गई थी, जिस पर उनके द्वारा खंड विकास अधिकारी निचलौल को जांच सौंपी गई, जिसमे सभी आरोप सही पाये गये।
उन्होनें लिखा है कि जांच के बाद मनरेगा घोटाला करने वालों के विरूद्व अधिकारियो ने प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश जारी किया गया ेलेकिन आज तक प्राथमिकी दर्ज नही किया गया।