निचलौल-महराजगंज। सरकार की महात्वाकांक्षी योजना गांव में सामुदायिक शौचालय लूट का जरीया बन गया है, हालत यह है कि पिछले एक साल पहले ही सामुदायिक शौचालय के निर्माण का पूरा पैसा निकाल लिया गया लेकिन आज भी वह शौचालय पूर्ण नही है, भ्रष्टाचार की हालत यह है कि बाहर रंगाई पुताई हो गयी है लेकिन अन्दर की हालत ऐसी कि देखने वाला दंग रह जाए, न तो पानी की टंकी ही लगी है और न ही पुरूष शौचालय की टंकी ही बनी है, और तो और उसके रख रखाव के लिए महिला समुह को पैसा भी देना शुरू कर दिया गया है।
यह सनसनी खेज मामला निचलौल विकास खण्ड के ग्राम बढ़या भोथियाही का है, इस ग्राम सभा में सत्र 2021/22 में बढ़या में लगभग 5 लाख रूपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया, लेकिन यहां तो इस सामुदायिक शौचालय के निर्माण में इस कदर लूट की गयी कि जिसे देखने वालों को साफ नजर आ रहा है, बाहर से दिवाल तो चकाचक है, पेंट कर बड़े-बड़े श्लोगन भी लिखा गया है,लेकिन एक साल गुजर जाने के बाद भी उस शौचालय का ताला अब तक नही खुला।
सामुदायिक शौचालय पर पानी के लिए लगने वाले टंकी का पता नही तो दूसरी तरफ पुरूष शौचालय के सीट से पाइप निकाल दिया गया है लेकिन आज तक टंकी ही नही बनी है, उपर छत पर पलस्तर ही नही हुआ है, ऐसे में यह कहा जाए कि सामुदायिक शौचालय के नाम पर खुलेआम लूट की गयी है तो गलत नही होगा।
सरकार की महात्वाकांक्षी योजना में भी भ्रष्टाचार
गांव में बनने वाली सामुदायिक शौचालय प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है, कि गांव के लोगों को शौच व नहाने के लिए चाहे महिला हो या पुरूष हो, हर गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाए, इसी योजना के तहत यहां भी सामुदायिक शौचालय के लिए लाखों रूपये खर्च किए गये लेकिन भ्रष्टाचार इतना की आज भी इस शौचालय का ताला नही खुला, इस सामुदायिक शौचालय की जांच हो तो कई अधिकारियों पर गाज गिरेगी।
शौचालय पूर्ण नही हुआ है अन्दर लगा टाइल्स धस जा रहा है आद्या गुप्ता ग्राम प्रधान
जब ग्राम प्रधान आद्या गुप्ता से बात की गयी तो उन्होेंने कहा इस सामुदायिक शौचालय की हालत खराब है, अब तक शौचालय चालू नही हुआ है, हालत इतनी खराब है कि अन्दर लगे टाइल्स खड़ा होते ही धंस जा रहे है, उपर पानी की टंकी ही नही है, पुरूष शौचालय की टंकी ही नही बनी है।
कागज में शौचालय चालू है
इस सामुदायिक शौचालय का भले ही अबतक ताला नही खुला है और पानी की टंकी नही लगी, पुरूष शौचालय की टंकी नही बनी है और अन्दर टाइल्स धस जा रहे है लेकिन संबंिधत अधिकारी कागजों में फर्जीवाड़ा कर इस शौचालय को संचालित कर रहे है और सरकारी आंकड़ों में सही ढ़ंग से चल रहा है और गांव के लोग शौच के लिए ही नही बल्कि नहाने भी आते है।
रख रखाव के लिए हो रहा है भुगतान
इस सामुदायिक शौचालय का ताला अब तक नही खुला, मौके पर शौचालय की हालत ऐसी कि जांच हो तो भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आयेंगे, फिर भी संबंिधत अधिकारी इस शौचालय के संचालित होने का फर्जी रिपोर्ट सरकार को भेज रहे है, और इस के रखरखाव के लिए नव दुर्गा सेवा संस्थान समुह को अबतक 36 हजार रूपये का भुगतान भी कर चुके है, 6 हजार रूपये की दर से रखरखव खर्च व 2 हजार की दर से शौचालय में प्रयोग आने वाले सामग्री का है, अब सवाल यह उठता है कि जब अबतक शौचालय का ताला ही नही खुला तो 36 हजार का भुगतान क्यों किया गया?