December 21, 2024
Maharajganj: मनरेगा में लाखों का घोटाला आया सामने, पशु सेड बना नही और हो गया भुगतान

Maharajganj सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा विकास खण्ड में पशु सेड के नाम पर लाखों रूपये घोटाला का मामला सामने आया है, पशु सेड बना ही नही और लाखों रूपये सम्बंिधत फर्म को भुगतान हो गया, बिना बने ही कैसे भुगतान हुआ यह एक बड़ा मामला है वैसे मामला सामने आने के बाद खण्ड विकसा अधिकारी ने जांच टीम गठित कर दी है, अब देखना है जांच किस करवट बैठ रही है।

बताया जाता है कि सरकार द्वारा संचालित पशु सेड योजना के तहत सिसवा विकास खण्ड के ग्राम पकड़ी चौबे में सत्र 2020/21 में मनरेगा योजना से दो दर्जन से ज्यादा पशु सेड का निर्माण कराया गया, लेकिन यह निर्माण सिर्फ फाइलों में हुआ और पशु सेड के निर्माण के लिए सामग्री का भुगतान एक फर्म को कर दिया गया।

गांव के उन लोगों ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है जिनके नाम पर पशु सेड का भुगतान हुआ है, शिकायती पत्र में लिखा है कि उनसे उस समय के तत्कालीन ग्राम प्रधान ने आधार कार्ड व फोटो मांगा था उसके बाद जब पशु सेड बनवाने की बात कही गयी तो उन्होंने कहा कोई पैसा नही आया है, जब कि मनरेगा की वेवसाइट पर दर्ज आंकड़ों को देखा गया तो दो दर्जन से ज्यादा लोगों के पशु सेड का लाखों रूपये का भुगातन एक फर्म को हो गया है।
पशु सेड के बिना निर्माण हुए ही लाखों रूपया फर्म को भुगतान किये जाने का मामला सामने आने के बाद यहां हडकम्प मचा हुआ है, वही खण्ड विकास अधिकारी ने कहा मामला संज्ञान में आने के बाद जांच टीम गठित कर दी गयी है, जांच के बाद जैसा मामला सामने आता है कार्यवाही की जाएगी।

सही से जांच हो तो कई पर गिरेगी गाज
मनरेगा योजना में पशु सेड के नाम पर जिस तरह बिना निर्माण के ही लाखों रूपये फर्म को सामग्री का भुगतान किये जाने का मामला सामने आया है अगर सही से जांच हो तो कई अधिकारियों पर भी गांज गिरनी तय है, क्यों कि बगैर कार्य कराये ही कैस भुगतान हो गया, एमबी किसने किया, पशु सेड निर्माण का सत्यापन किसने किया, यहा कई सवाल खड़े हो रहे है, जो कई के मिली भगत की ओर इसारा कर रहा है, क्यो कि इतना बड़ा घोटाला कोई अकेले कैसे कर सकता है?

पूर्व ग्राम प्रधान के भाई की बताई जा रही है फर्म
ग्राम पकड़ी चौबे में सत्र 2020/21 में पशु सेड के नाम पर जो बिना बनाये भुगतान का मामला सामने आया है, उस पशु सेड निर्माण का भुगतान जिस फर्म को हुआ है वह तत्कालीन ग्राम प्रधान के भाई की बताई जा रही है।

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