Maharajganj – The exploits of the bank came to light, one lakh rupees were withdrawn from the farmer’s account, the court ordered to file a case, created a stir.
Maharajganj महराजगंज। खुशहाल नगर स्थित एक बैंक पर एक किसान के खाते से कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर एक लाख रूपये से अधिक रूपयो के निकालने के बाद जब बैंक गया तो बैंक अधिकारियों ने 4 हजार रूपया देने की बात कह मामले को खत्म करने का दबाव बनाने लगे, यह आरोप लगाते हुए पीड़ित माननीय न्यायाल की शरण में गया,
माननीय न्यायालय ने एडवोकेट प्रशांत श्रीवास्तव के दलीलों, प्रार्थनापत्र में उल्लिखित तथ्यों एवं दाखिल दस्तावेजी साक्ष्यों से प्रथमदृष्ट्या संज्ञेय अपराध मानते हुए इस मामले मे घुघली पुलिस को अभियोग दर्ज कराकर, विवेचना कराये जाने का आदेश दिया है, न्यायालय के आदेश के बाद हड़कम्प मच गया है।
खुशहाल नगर, मेदिनीपुर थाना घुघली, महराजगंज का स्थायी निवासी रााधेश्याम ने न्यायाल में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि वह मजदुर व्यक्ति है, जिसकी वजह से प्रार्थी को सरकारी योजनाओं का अनुदान भी मिलता है जिसके लिये प्रार्थी द्वारा बडोदा यू०पी० बैंक शाखा खुशहाल नगर में बचत खाता संख्या-3185047231 खोलकर बैंकिंग का कार्य करता है। इसी बीच प्रार्थी कई वर्षों बाद बैंक जाकर पता किया तो बैंक कर्मचारियों द्वारा कहकर वापस कर दिया जाता है कि खाते में कोई रूपया नहीं आया है, जिससे शक होने पर प्रार्थी द्वारा बैंक पर मौजूद अन्य खाताधारकों से बात किया गया और उनको बताने पर अपने खाता का स्टेटमेंट मैनेजर से मांगा गया, तो वह हिलाहवाली करके स्लेटमेंट नहीं दिये और प्रार्थी को लगातार दौडाने के बाद महज 4,000/- रूपये का लालच देकर मामले को खत्म करने का दबाव बनाने लगे।
उन्होंने लिखा है कि जिसके बाद प्रार्थी तंग आकर मुख्य शाखा प्रबंधक जनपद बहराजगंज से दिनाक 04.12.2023 को लिखित रूप से किया गया, जिसके बाद प्राथी को अपने खाता का स्टेटमेंट प्राप्त हुआ और पता चला कि संबंधित बैंक के कर्मचारियों द्वारा प्रार्थी का कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर छलपूर्वक प्रार्थी के खाते से दर्जनों बार रूपया लिया गया, जो लगभग 1 लाख रूपये से उपर की धनराशि है। इसके बावजूद पुनः मुख्य प्रबन्धक द्वारा प्रार्थी को दिनांक 14.12.2023 को बैंक के महराजगंज स्थित शाखा पर बुलाया गया,
जहां शाखा खुशहाल नगर के बैंक कर्मचारियों द्वारा प्रार्थी को बैंक के बाहर बुलाकर गाली और जान से मारने की धमकी देते हुए शिकायत वापस करने की धमकी दिया गया, जहां से प्रार्थी किसी तरह से जान बचाया। इसतरह उपरोक्त अज्ञात मुल्जिमान न सिर्फ धोखाधड़ी, कूटरचना, छल और प्रतिरूपण करके प्रार्थी का रूपया गबन कर लिया गया, बल्कि साजिश करके धमकी रहे है। प्रार्थी ने उक्त घटना की सूचना स्थानीय थाने पर दिया तथा पुलिस अधीक्षक महराजगंज को पत्र लिखा, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इस मामले में असगर अली-प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट / अपर सिविल जज, प्रवर खण्ड महराजगंज ने एडवोकेट प्रशांत श्रीवास्तव के दलीलों, प्रार्थनापत्र में उल्लिखित तथ्यों एवं दाखिल दस्तावेजी साक्ष्यों से प्रथमदृष्ट्या संज्ञेय अपराध मानते हुए घुघली पुलिस को इस मामले मे अभियोग दर्ज कराकर, विवेचना कराये जाने का आदेश दिया है।