निचलौल-महराजगंज। निचलौल विकास खण्ड मे भी विदेश गये व्यक्ति को मनरेगा में मजदूरी करने का मामला सामने आया है, शिकायतकर्ता ने शिकायत तो किया और खण्ड विकास अधिकारी ने मामले को सही भी पाया लेकिन इस मामले में ग्राम प्रधान, सचिव व मेठ पर 33-33 प्रतिशत की वसूली का नोटिस भेज मामले को ही मैनेज कर दिया।
यह मामला है निचलौल विकास खण्ड के ग्राम कैमी का, गांव के लोगों ने 04-04-2022 को जिलाधिकारी को जो शिकायत किया था उसके अनुसार रविन्द्र पुत्र डोमई जाब कार्ड संख्या 03 पिछले दो वर्षों से सऊदी अरब रहते हैं और मनरेगा योजना से 09-02-22 से 22-02-22 तक लल्लन के खेत से महेश के खेत तक चकबंध का कार्य कुल 14 दिन किया, इसके बाद 28-06-22 से 11-03-22 तक नोटिस के खेत से वकील के खेत तक चकबंध पर कुल 14 दिन कार्य किया।
इस शिकायत पर खण्ड विकास अधिकारी ने 12 जूलाई 22 को जो जांच रिपोर्ट भेजी वह जांच ही सवालों के घेरे में है और खण्ड विकास अधिकारी के निष्पक्ष जांच को कटघरे में खड़ा कर दे रहा है।
खण्ड विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट
रविंद्र पिछले 2 वर्षों से सऊदी अरब कमाने गए हैं परंतु 9 फरवरी से 22 फरवरी 2022 तक कार्य करते हुए दर्शाया गया है, शिकायत की जांच की गई जिस के क्रम में अवगत कराना है कि रविंद्र पुत्र डोमई जो कि पिछले 2 वर्षों से दुबई गए हैं उनके नाम से लल्लन के खेत से महेश के खेत तक दिनांक 09-02-22 से दिनांक 22-02-22 तक कार्य करने हेतु मस्टररोल संख्या 14572 व नोटिस के खेत से वकील के खेत तक चकबंध कार्य पर दिनांक 26-02-22 से दिनांक 11-03-22 तक कार्य करने हेतु मस्टरोल संख्या 15454 जारी किया गया है, रविंद्र पुत्र डोमई का जॉब कार्ड संख्या 003 है जिसमें उनकी पत्नी प्रियंका का नाम सम्मलित है, रविंद्र पुत्र डो मई की पत्नी ने लिखित रूप से बयान दिया है कि उक्त कार्यों पर पति की स्थान पर उनके द्वारा कार्य किया गया, जिसकी मजदूरी उनकी सहमत से उनके संयुक्त खाते किया गया।
उपरोक्त तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर पाया गया की मस्टरोल में श्री रविंद्र पुत्र डोमई का नाम है जिसके द्वारा कार्य किया गया, जिसके स्थान पर उनकी पत्नी श्रीमती प्रियंका द्वारा कार्य किया गया है, जिसकी मजदूरी का भुगतान गलत तरिके से किया गया है, भुगतान की गई धनराशि 5964 रूपये की वसूली श्रीमती सुनीता देवी ग्राम प्रधान, राजीव कुमार रामचंद्र ग्राम विकास अधिकारी/सचिव व श्रीमती रीना पत्नी लवकुश मेठ से करने हेतु इस कार्यालय के पत्र संख्या 674 दिनांक 11-07-2022 द्वारा वसूली पत्र निर्गत कर दिया गया है।
रविन्द्र ने तीन जगह मजदूरी किया है, जांच में एक कहां हो गया गायब
शिकायत 04-04-2022 को जिलाधिकारी को जो शिकायत किया था उसके अनुसार रविन्द्र पुत्र डोमई जाब कार्ड संख्या 03 पिछले दो वर्षों से सउदी रहते हैं और मनरेगा योजना से 09-02-22 से 22-02-22 तक लल्लन के खेत से महेश के खेत तक चकबंध का कार्य कुल 14 दिन किया, इसके बाद 28-06-22 से 11-03-22 तक नोटिस के खेत से वकील के खेत तक चकबंध पर कुल 14 दिन कार्य किया की हुई और जांच भी यही दो कार्यों पर हुई लेकिन रविन्द्र ने मस्टरोल संख्या 16582 में दिनांक 25-03-2022 से 27-03-2022 तक प्रा0 विद्यालय से रामानन्द के घर तक इंटरलाकिंग कार्य में भी मजदूरी किया है, जांच अधिकारी जब जांच किया तो क्या यह नजर नही आया या फिर इसे नजर अंदाज कर दिया गया।
दो कार्यों की वूसली के लिए पत्र तो निर्गत कर बचाने का खेल कर दिया गया लेकिन अब तिसरे कार्य पर खण्ड विकास अधिकारी क्या करेंगे, जांच करेंगे या फिर….
जांब कार्ड में है तीन नाम
जाब कार्ड संख्या 003 में तीन नाम है पहला रविन्द्र का, दूसरा पिंकी का और तीसरा प्रियंका का, और रविन्द्र व प्रियंका का अलग अलग बैंकों में खाता है, रविन्द्र व प्रियंका पहले भी अलग-अलग मजदूरी कर चुके है, शिकाय के बाद प्रियंका 18-05-22 से 31-05-22 तक सरल के खेत से नहर पुल तक चकबंध पर व 03-06-22 से 16-06-22 तक संजय के खेत से खेखड़ा नाला तक कार्य किया है।
यहां तो सवाल उठता ही है कि जब जांब कार्ड में रविन्द्र के साथ प्रियंका का नाम दर्ज है और प्रियंका पहले भी मजदूरी कर चुकी है और श्किायत के बाद भी मजदूरी किया है तो जो खण्ड विकास अधिकारी ने जांच रिपोर्ट भेजी है उसके अनुसार प्रियंका ने मजदूरी किया और उसके जगह पति की नाम पति के नाम मजदूरी भेजी गयी।
सवालों के घेरे में जांच अधिकारी
जाब कार्ड मे रविन्द्र व प्रियंका का नाम है, पहले भी प्रियंका मजदूरी कर चुकी है और उसका पैसा उनके खाते में भेजा जाता रहा है, जब कि रविन्द्र का खाता दूसरे बैंक में है, ऐसे में रविन्द्र के मजदूरी का मामला सामने आने के बाद यह कैसे हो गया कि प्रियंका ने पति की जगह मजदूरी किया और पति के खाते में पैसा भेजा गया, अगर प्रियंका ने मजदूरी किया तो उनके जाब कार्ड में नाम तो है ही मस्टरोल में उनका नाम क्यां नही लिखा गया और पैसा उनके खाते में क्यो नही भेजा गया।
यहां तो गोलमाल साफ नजर आ रहा है, कि इस मामले को मैनेज करने के लिए यह खेल खेला गया है और वूसली कर मामले को खत्म किया जा रहा है।