सिसवा बाजार-महराजगंज। स्थानीय नगर स्थित मदरसा अरबिया अताउर्रसूल में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके मदरसे के समस्त शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं सभ्रांत लोगों की उपस्थिति में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर मदरसा शिक्षक मजहर अली स० अ० फौकानिया ने अल्पसंख्यक अधिकारों के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु एवं अधिकारों की रक्षा पर उपस्थित लोगों के समक्ष अपने विचार प्रकट किये। इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत एक बहुसांस्कृतिक देश है, जिसमें कई धर्म, जाति और भाषाएं हैं। संविधान में अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों में शिक्षा, रोजगार, धार्मिक स्वतंत्रता और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार शामिल है।
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है ताकि हम अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ा सकें और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर सकें।
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस प्रतिवर्ष 18 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें समान अवसर प्रदान करना है। अल्पसंख्यक ऐसे समुदाय हैं जो संख्या में कम होते हैं, लेकिन उनकी अपनी भाषा, संस्कृति, धर्म या जाति होती है।
हालांकि, अल्पसंख्यकों को कई बार भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। उन्हें शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी में समान अवसर नहीं मिलते हैं।
शिक्षा का अधिकार- अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। उन्हें अपनी संस्कृति और धर्म को बनाए रखने के लिए शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार भी है।
संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार- अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार है। उन्हें अपनी भाषा, कला, संगीत और साहित्य को बढ़ावा देने का अधिकार भी है।
रोजगार का अधिकार’- अल्पसंख्यकों को समान रोजगार के अवसरों का अधिकार है। उन्हें भेदभाव के बिना रोजगार प्राप्त करने का अधिकार है।
संवैधानिक प्रावधानों को लागू करना- अल्पसंख्यकों के अधिकारों को संविधान में संरक्षित किया गया है। इन प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कानून और नीतियों को विकसित किया जाना चाहिए।
जागरूकता बढ़ाना- अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाने चाहिए। इससे लोगों को अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में पता चलेगा और वे उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएंगे।
कानून प्रवर्तन- अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव और उत्पीड़न के मामलों में कानून का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। हमें अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।
इन्हीं बातों के साथ इनका सम्बोधन समाप्त हुआ। इसी बीच जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जनपद- महराजगंज श्रीमती निदेशक महोदया अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ़ उ०प्र० द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में मदरसे की गुणवत्ता, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव एवं भौतिक सत्यापन की जांच हेतु अचानक मदरसे में उपस्थित हुए जांच कर काफी संतुष्ट हुए तथा अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर लोगों को सम्बोधित किये।
इस अवसर शिक्षक मो० इसहाक, मो० शहाबुल्लाह, अब्बास अली, नजमत अली, मो० मोईनुद्दीन, मो० यूनुस, नूरुलहोदा, मंजर हुसैन, अबुशहमा, मुख्तार अली व अब्दुल कय्यूम सहित नगर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।