नई दिल्ली । सांसद और विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होते ही सदस्यता चले जाने का प्रावधान बेहद कड़ा है, इसलिए अदालतों को जनप्रतिनिधियों को किसी भी मामले में सजा सुनाते वक्त थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को यह टिप्पणी की है।
बता दें कि हाल ही में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा के बाद उनकी सदस्यता चली गई है। उस मामले को देखते हुए अदालत की यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की अदालत ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल और केंद्र शासित प्रदेश की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।
मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की कैद हुई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। केरल हाई कोर्ट में उनकी ओर से अपील दायर की गई थी, जिसके बाद सजा पर स्टे लग गया था। इसके बाद भी उनकी सदस्यता बहाल होने में देरी हुई तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
वहीं केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की ओर से भी एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि केरल हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया जाए। इन्हीं दोनों अर्जियों पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालतों से सजा सुनाते वक्त थोड़ा संवेदनशील रहने को कहा।