प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 17 जनवरी को फैसला सुरक्षित कर लिया था। विधानसभा चुनाव के दौरान विवादित बयान को लेकर अब्बास अंसारी पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गय
अब्बास अंसारी ने विधान सभा चुनाव 2022 में मऊ में आयोजित रैली में विवादित बयान दिया था। कहा था कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने पर अधिकारियों से हिसाब-किताब किया जाएगा। इस बयान को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। इस मामले के खिलाफ अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने कहा यदि चार्जशीट से अपराध का खुलासा हो रहा हो तो हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। साक्ष्यों डद ट्रायल में विचार किया जायेगा। अब्बास अंसारी पर सार्वजनिक चुनावी सभा में अधिकारियों को लेकर विवादित बयान देने का आरोप है। याची के एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय का कहना था कि धारा 153 के तहत याची के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। यह धारा बयान से दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने पर लागू होती है। याची के बयान में सामुदायिक वैमनस्यता फैलाने के तत्व नहीं होते हैं। शेष धाराएं जमानती अपराध की राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज कराई गई हैं। इसलिए कार्यवाही रद्द की जाय। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि याची के बयान कानून-व्यवस्था को बिगाडऩे वाले, समुदाय को धमकाने वाले हैं, जिसमें राहत नहीं दी जा सकती। अब्बास अंसारी ने पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान मऊ में आयोजित रैली में प्रदेश में सरकार बनने पर अधिकारियों को 6 माह तक तबादला न कर उनसे हिसाब-किताब करने का विवादित बयान दिया था। इस पर कोतवाली मऊ में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गई थी।