गोरखपुर। पूर्वांचल कम्प्यूटर एजुकेशन बक्शीपुर सेन्टर पर मिसाइलमैन, पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डा.एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन एवं शेरी नशिस्त का आयोजन प्रबंधक जावेद अंसारी की उपस्थिति में मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री रामचेत चौधरी थे। विशिष्ट अतिथि भोजपुरी एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव, रईस अहमद चुन्नू, कैश अंसारी, मुर्तजा हुसैन रहमानी, आफताब अहमद मुन्ना, अमीरून निशा स्वीटी थे।
कार्यक्रम का संचालन कवि व शायर मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा,
जो एक शख्स था,
वही अब्दुल कलाम था किया।
सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाई |
इस अवसर पर कवियित्री आशियां सिद्दीकी ने पढ़ा,
कलम काप उठती हैं जब अब्दुल कलाम लिखती हूं
कलम की नोक कहती हैं मैं हिंदुस्तान लिखती हूं |
गौतम गोरखपुरी ने पढ़ा,
मोहब्बत लेकर निकला हूं जहां में
पिछली पहचान से बाहर आ गए
एकता उपाध्याय ने पढ़ा,
आवाज देने पर तो जमाना सुन लेता है,
जो खामोशी भी सुन ले वो मुहब्बत है!
फुरकान फरहद गोरखपुरी ने पढ़ा,
रुकावट आएगी लेकिन तुझे आगे ही चलना है
अंधेरों से न घबराना दिया बनकर के जलना है |
अरविंद यादव ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि पद्मश्री रामचेत चौधरी ने कहा कि भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी काबिलियत से पूरी दुनिया में अपने कार्यों से भारत का नाम बुलंद किया। ऐसे महान शख्सियत को नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि डा. एपीजे अब्दुल कलाम को नयी पीढ़ियों को प्रेरणा लेकर अपने कैरियर को लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने डा. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि दुर्गम इलाकों से निकल कर उन्होंने अपने सपनों को साकार किया था। उन्होंने कहा कि डा. एपीजे अब्दुल कलाम के संघर्षों को कभी भी भूलाया नहीं जा सकता है।
इस मौके पर सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए जावेद अंसारी ने कहा कि डा. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर विशेष रूप से उन्हें याद करना सभी भारतीयों का नैतिक अधिकार है।
इस अवसर पर मुख्य रूप अभिषेक विश्वकर्मा, आशुतोष सिंह चौहान, साजदा, नितेश श्रीवास्तव, जितेन्द्र ओझा, खुशबू साहू, अलहम, सिद्धार्थ, विट्टू, हिना, प्रिंस, साहिल, स्वाति, नीतीश , सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।