Weather update: नई दिल्ली। बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई है।
उत्तरी भारत के बड़े भूभाग से गुजरने वाली यमुना और उसकी सहायक नदियां उफान मार रही हैं। पहाड़ी इलाकों में बारिश ने बाढ़ का रूप लिया और सड़कों तक को बहा कर ले गई। राजधानी दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सड़कों पर पानी इस कदर फैला कि रोड पर खड़ी गाडिय़ां, कागज की नाव सी दिखाई देने लगीं।
दिल्ली में तो बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। राजधानी में जुलाई महीने में 1982 के बाद से अब तक ऐसे बादल नहीं बरसे। हिमाचल प्रदेश के सोलन में तो 135 मिमी बारिश दर्ज की गई। आखिरी बार सोलन वालों ने 1971 में ऐसी बारिश देखी, तब भी 105 मिमी ही बारिश दर्ज की गई थी। यानी सोलन ने अपने 50 साल के इतिहास में ऐसी आसमानी आफत नहीं देखी। बारिश ने ऊना में भी रिकॉर्ड तोड़ा। 1993 के बाद ऊना में सबसे ज्यादा बारिश रविवार को दर्ज की गई।
आलम ये था कि बारिश मकानों को तक बहा कर ले गई। दिल्ली फायर ब्रिगेड चीफ अतुल गर्ग ने बताया कि रविवार को मूसलाधार बारिश के चलते 15 घर ढह गए, जिसके चलते 2 लोगों की मौत हो गई। बारिश का कहर ये रहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने भी 10 जुलाई यानी सोमवार को वकीलों की गैर मौजूदगी में आदेश पारित करने से राहत दी है। ट्रैफिक पुलिस ने भी तीन हजार से ज्यादा कर्मियों को सड़कों पर उतारा है। ये आफत अभी जल्द थमनी नहीं है। मौसम विभाग ने सूबे में पूरे हफ्ते बारिश की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट किया है।
Weather update: rain wreaks havoc, 34 people died, schools closed in many states, rivers in spate
दिल्ली से सटे नोएडा में 10 से 12 जुलाई तक सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में फंसे लोगों को बचाने के लिए हृष्ठक्रस्न को पानी में उतरना पड़ा। बारिश से मची आफत को कम करने की कोशिश में कलेक्टर ने इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार किया है। साथ ही एक इमरजेंसी नंबर (8826797248) जारी किया गया है।
हिमाचल में बारिश पहाड़ से भूस्खलन के रूप में आफत बनकर गिर रही है। सूबे में पिछले 24 घंटों के दौरान ही 6 लोगों की मौत हो गई है और 3 लोग लापता हैं। सैंकड़ों लोग बारिश से उपजी आफत के चलते अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। बात पिछले 16 दिनों की करें तो हिमाचल भर में 54 लोगों की मौत हो चुकी है और चार लापता हैं। जान से इतर माल को हुए नुकसान का जायजा लिया जाए तो राज्य के क्कङ्खष्ठ विभाग को ही दो दिनों में बारिश के चलते 340 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सूबे में 776 रोड पेड़ गिरने या भूस्खलन के कारण बाधित हैं। इनमें से तीन तो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं।
वहीं पंजाब की बात करें तो यहां बारिश कहर बनकर टूटी और अगले दिन भी ये कहर जारी रहने का अनुमान लगाया गया है। हालत ये हैं कि इस आसमानी आफत का सामना करने के लिए सरकार को भारतीय सेना की मदद मांगनी पड़ी। गृह सचिव ने वेस्टर्न कमांड को चि-ी लिखकर मोहाली के आस-पास के इलाकों में सेना को मदद के लिए तैयार रहने का निवेदन भेजा है। मोहाली के स्कूलों को सोमवार के दिन बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। सूबे के सभी 10 जिलों में सोमवार को भी भारी बारिश का अलर्ट घोषित किया गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि वो भारी बारिश से राहत के लिए किए जा रहे प्रयासों पर नजर रखने के लिए खुद फील्ड में जाएं। ऐसे ही एक प्रयास में मोहाली के खरड़ से विधायक और राज्य की पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान का पैर फ्रैक्चर हो गया।
पंजाब के लुधियाना में बारिश का कहर इस कदर बरपा है कि डिप्टी कमिश्रनर ने सोमवार को स्कूल में छुट्टी के आदेश जारी कर दिए हैं।
शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सूबे में बाढ़ से जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें पांच-पांच लाख रुपए की मदद की मांग की है। जिन किसानों की फसलों को बाढ़ के चलते नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी 25 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता देने की मांग बादल ने की है।हरियाणा में शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वो 10 जुलाई को बारिश के हालात देखकर अपने-अपने इलाकों के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर सकते हैं।
भारी बारिश से जूझ रही दिल्ली में आज भी मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पहले से ही राष्ट्रीय राजधानी से गुजरने वाली यमुना नदी उफान पर है। यमुनानगर हथनी कुंड बैराज में पानी का लेवल अब 3 लाख 9 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है। यमुना नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते पानी का लेवल और भी बढऩे की संभावना है। ऐसे में दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की संभावना भी है।