देहरादून। जुलाई से राज्य में नई शिक्षा नीति लागू की जाएगी। जिसके अंतर्गत शिक्षा तकनीक को भारतीय संस्कृति के साथ जोड़कर छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। पाठ्यक्रम में वेद, ज्योतिष और वैदिक गणित को रखा जाएगा। ये बात शिक्षा मंत्री डा. धनसिंह रावत ने शुक्रवार को देवभूमि उत्तराखंड विवि में हुई इंटरनेशनल कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस एंड स्मार्ट कम्युनिकेशन कार्यशाला के उद्घाटन पर कही।
उन्होंनें बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्राइमरी स्कूल के अंतर्गत लाया जाएगा और अन्गंबादी शिक्षकों को प्राइमरी में पढ़ाने की शिक्षा दे जायेगी। वहीं अब एमबीबीएस की शपथ चरक विधि के अनुसार शपथ दिलाई जायेगी। जल्द ही में उत्तराखंड राज्य में प्रत्येक 15 छात्रों पर एक शिक्षक को नियुक्त करने कि प्रक्रिया शुरू के जाएगी। इसके अलावा ‘पीएम योजना के तहत विश्वस्तरीय आवासीय विद्यालय निर्मित किये जायेंगे।
यूएसईआरसी की निदेशक डॉ. अनीता रावत ने बताया कि 13 जिलों में यूएसईआरसी दस प्रयोगशालाएं विकसित करने जा रहा है। ताकि बच्चे प्रयोग आधारित शिक्षा ग्रहण कर सकें। लैब ऑफ़ फोनेटिक्स को भी विकसित किया जा रहा है। वहीं वर्चुअल लैब का मॉडल सेंटर यूएसईआरसी को मिलने जा रहा है। कार्यशाला में देश विदेश से कई विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। इसमें ट्यूनिस नार्थ अफ्रीका की प्रोफ़ेसर रबेब तुओटी ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार रखे और पूरी दुनिया में कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन में हो रहे बदलावों की जानकारी दी।