Bring an empty plastic bottle, get 10 rupees, a unique initiative of the administration
रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ है, लेकिन इस दौरान पहाड़ों पर होने वाला प्लास्टिक कचरा भी एक बड़ी समस्या के रूप में हमारे सामने है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर चिंता जताई थी। अच्छी बात ये है कि प्रशासन और तमाम स्वयंसेवी संगठन पहाड़ों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक शानदार काम रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भी किया है।
प्रशासन ने एक सामाजिक संस्था के साथ पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम तक 65 दुकानों पर क्यूआर कोड वाला बोतल बंद पानी दिया है। इन बोतलों की खरीद के वक्त यात्रियों से 10 रुपये ज्यादा लिए जा रहे हैं। खाली बोतल वापस लाने पर यात्री को दस रुपये लौटाए जा रहे हैं। यही नहीं अगर यात्री बोतल को इधर-उधर फेंक देता है, तो उसे एकत्रित करने वाले को दस रुपये इनाम में दिए जा रहे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि कपाट खुलने के बाद से अभी तक तीन हजार खाली बोतलें एकत्रित की गई हैं। इन बोतलों को जल्द रिसाइकिल के लिए भेजा जाएगा। खाली बोतलों को जमा करने के लिए गौरीकुंड, केदारनाथ मंदिर परिसर और केदारपुरी में तीन डिपॉजिट सेंटर बनाए गए हैं। यात्रियों से निरंतर क्यूआर कोड वाली बोतल खरीदने की अपील की जा रही है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ धाम में प्लास्टिक कचरे की समस्या को दूर करने और यात्रियों में जागरुकता को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके तहत क्यूआर कोड की प्लास्टिक बोतल को धाम से वापस लाने पर दस रुपये दिए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की इस पहल का हर कोई स्वागत कर रहा है। बता दें कि जिला प्रशासन गौरीकुंड से केदारनाथ तक 18 किमी पैदल मार्ग में प्लास्टिक उन्मूलन को लेकर विशेष अभियान चला रहा है। सुलभ इंटरनेशनल की ओर से बीते 12 दिनों में सफाई अभियान चलाते हुए अभी तक 70 क्विंटल से अधिक कूड़ा-कचरा एकत्रित किया जा चुका है, जिसमें 35 क्विंटल प्लास्टिक कचरा है।