November 22, 2024
Cold Wave Alert शीतलहर का अलर्टः अगले 4 दिनों तक यूपी -बिहार से लेकर जाने कहां तक पड़ेगी कड़ाके की ठंड

नई दिल्ली । शीतलहर और कुहासे के बीच आज पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से क्रिसमस मनाया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

वहीं मौसम विभाग द्वारा 25 दिसंबर के लिए जारी अपडेट्स के मुताबिक, आज से लेकर अगले चार दिनों तक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कई जगहों पर घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, असम और त्रिपुरा में अलग-अलग इलाकों में भी घना कोहरा छाने की संभावना है। उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में भी लोगो को कंपकपाती ठंड का सामना करना पर रहा है।

Alert of Sheetlahar: For the next 4 days, from UP-Bihar, till where it will be cold

मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में गंभीर शीतलहर की चेतावनी जारी की है। वहीं, अगले 24 घंटे के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भी शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना है।
देश की राजधानी दिल्ली में अगले दो दिनों तक गंभीर शीतलहर चलने की संभावना है। मौसम विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 25 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 4 डिग्री के करीब रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान भी 19 डिग्री के आसपास रहेगी। आईएमडी ने कहा है कि ऐसी स्थिति 25 और 26 दिसंबर को बनी रहेगी।

कश्मीर में कड़ाके की ठंड बढ़ती जा रही है और घाटी के अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, मौसम विभाग ने सोमवार से कुछ दिनों तक ठंड और शुष्क मौसम से राहत मिलने का अनुमान जताया है। अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के एक आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर में बारामुला जिला स्थित पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

कश्मीर में 40 दिनों की कड़ाके की सर्दियों की अवधि के दौरान क्षेत्र में शीत लहर रहती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे घाटी के कई हिस्सों में जलस्त्रोतों के साथ-साथ पाइप लाइन भी जम जाती हैं। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और अधिकतम होती है। अधिकांश क्षेत्रों, विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है।

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