बरेली। दरगाह आला हजरत स्थित मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियॉ) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियॉ की सदारत और मदरसा प्रधानाचार्य मुफ्ती आकिल रजवी की निगरानी में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया गया।
दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन व मदरसा छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन मदरसा क्लर्क अनवारुल सादात जुल्फी मियॉ ने किया। मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने कहा कि यह अल्पसंख्यक अधिकार दिवस हमें आश्वस्त करता है कि हमारे देश के संविधान ने अल्पसंख्यकों को कुछ विशेष अधिकार दिए हैं जिनकी वजह से देश के अल्पसंख्यक अपने कल्चर, अपनी संस्कृति,अपनी भाषा,अपने संस्थानों और अपने मज़हब को आज़ादी के साथ फरोग देते हैं। इस लिए आज हमारे अल्पसंख्यक छात्रो को संविधान का इल्म (ज्ञान) रखना जरूरी है,ताकि वह अपने अधिकारों को जान कर उनको हासिल करने की कोशिश कर सकें और कोई उनके अधिकारों का हनन ना कर सके। हुकुमते समय-समय पर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए जो योजनाएं बनाती हैं उनकी जानकारी हासिल कर के जन जन तक उनको पहुंचाना भी हमारी जिम्मेदारी है।
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर हम उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद और अल्पसंख्यक विभाग लखनऊ से अपील करते हैं कि जिन मदरसों को अब तक मान्यता नहीं मिली है उनको योजनाबद्ध रूप से मान्यता देने का काम जल्द शुरू कर दिया जाए ताकि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास वाली नीति का संकल्प पूरा हो।
मदरसे के शिक्षक मास्टर कमाल ने कहा कि हमारा संविधान बहुत मजबूत है जिस में अल्पसंख्यको को बहुत अधिकार दिए हैं। मदरसा प्रधानाचार्य मुफ्ती आकिल रज़वी ने कहा कि हम अपने मुल्क के संविधान पर फख्र करते हैं और यह एहसास रखते हैं कि इस संविधान ने हमारे इदारो और औकाफ को तहफफुज दिया है। आज अल्पसंख्यक अधिकार दिवस हम मना रहे है ताकि अपने छात्रो को अपने अधिकारों के संबंध में जागरुक कर सकें।
इस कार्यक्रम में मुफ्ती अफरोज आलम,मुफ्ती अय्यूब खान,मुफ्ती मोइनुद्दीन, सय्यद शाकिर अली,मुफ्ती जमील,मुफ्ती कलीमुररहमान,कारी अब्दुल हकीम, मास्टर जुबैर रज़ा खान, मास्टर इरफान, मौलाना अबरारुल हक रहमानी, मोईन खान आदि ने शिरकत की।