सोनौली-महराजगंज। विश्व शांति दिवस के मौके पर भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी के लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट हॉल में आज शुन्यति इंटरनेशनल फाऊंडेशन (एसआईएफ) के तत्वाधान में भगवान बुद्ध के उपदेशों और संदेशों के माध्यम से विश्व स्तर पर शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने व भारत व नेपाल की साझा संस्कृति को जोड़ते हुए बुद्ध के संदेशों और उपदेशों को आम जन तक पहुंचने के उद्देश्य से चतुर्थ शुन्य रिट्रीट सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें भारत व नेपाल से हजारों की संख्या में मौजूद शुन्याभ्यास के माध्यम से शुन्यता का ध्यान किया।
कार्यक्रम के शुभारंभ संस्था में उपदेशक ध्यानाचार्य नागजीवा ने अपने संदेश के माध्यम से कहा कि हम भगवान बुद्ध को शिक्षक और गुरु की तरह मानते है। हमे बुद्ध के संदेशों को ध्यान करना चाहिए। जिसमें हमे खुशी की अनुभूति मिलती है।
कार्यक्रम के दौरान शुन्याभ्यास और भगवान बुद्ध के उपदेशों और संदेशों को प्रसारित करते हुए संस्था के अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक आयुर्वेद चिकित्सा व फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर राजेश सवेरा ने कहा कि शुन्यता के ध्यान से हम अपने भीतर शांति और खुशी का अनुभव होता है। विश्व मे शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हमें बुद्ध के संदेशों और उपदेशों को अपनाते हुए शुन्यता का ध्यान करना चाहिए। कार्यक्रम में भारत व नेपाल से लगभग 6 हजार लोग शामिल हुए और विश्व के 40 देश में इसका सजीव प्रसारण भी किया गया।
इस मौके पर संस्था के दिव्य प्रकाश, विजय कुमार, मणिराम खड़गा, देवी राज श्रेष्ठ, लेखनाथ, सावित्री सुनवर, भानु भक्त धमला, प्रमिला धमला, सूर्य परियार, रमन झा, मोहम्मद रफीक सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।