देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ‘‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’’ का शुभारम्भ करते हुए कहा कि वर्तमान में विकास योजनाएं उनके लिए बन रही हैं जिन्हें वास्तव में उनकी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आमजनमानस की सुविधा के लिए सरलीकरण के मार्ग पर चल रही है। हम अपने सीमावर्ती गांवों का विकास इस प्रकार करना चाहते हैं ताकि यह देश और विशेषकर हिमालयी राज्यों के लिए एक मॉडल बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती गांव हमारे लिए अमूल्य हैं, ये मात्र हमारे सीमान्त प्रहरी नहीं बल्कि अमूल्य धरोहर भी हैं। सीमान्त क्षेत्र हमारी जड़ें हैं, इनकों निरन्तर सिंचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम माणा-मुन्स्यारी, असकोट-आराकोट के सीमान्त क्षेत्रों के गांवों को अन्तिम गांवों के स्थान पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना के अनुरूप प्रथम पंक्ति के प्रथम गांवों की तरह विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
इस अवसर पर हैस्को के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, महानिदेशक, यूकॉस्ट प्रो० दुर्गेश पंत, संस्थापक, SBI फाउन्डेशन ललित मोहन, राजकुमार सिंह, सुश्री अन्यया मोहन्ती, किलफोर्ड डी कोस्टा आदि उपस्थित रहे।