देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज टनकपुर में सूर्याेदय सेवा समिति द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एवं योग संगोष्ठी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पुरातन एवं प्राकृतिक मड थेरेपी को बढ़ावा देते हुए मड बाथ (गीली मिट्टी से स्नान) भी किया।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अध्यापकों एवं छात्र-छात्रों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा ऋषियों और संतो की तपस्थली उत्तराखण्ड सदैव से ही विश्व कल्याण के लिए ज्ञान का प्रचार-प्रसार करती रही है। यह योग, आयुष और आध्यात्म की भूमि है। आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना की जागृति का जो संगम हमारी देवभूमि में देखने को मिलता है वह अद्भुत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का ज्ञान इसी धरती से हमारे ऋषियों द्वारा विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकार भी प्राकृतिक चिकित्सा को बढावा देने एवं इसके प्रचार- प्रसार करने के लिए प्रतिबद्ध और सक्रिय है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपनी प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान का परिचय संपूर्ण विश्व को करा रहा है। आज पूरी दुनिया ने हमारी प्राचीन संस्कृति के मूल आधार ‘योग’ को अपनाया है और इसका महत्व समझा है।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुश्री निर्मल महरा, प्रदेश मंत्री हेमा जोशी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।