December 22, 2024
यहां 2012 से हो रहा है दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज का आयोजन, हर दिन सुबह-शाम लावारिस दिव्यांग, मानसिक बीमार व जरूरतमंदों को कराया जाता है भोजन

वाल्मीकिनगर। भारत-नेपाल सीमा पर चलंत दरिद्र नारायण भोज का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के गोल चौक, छाता चौक, अस्पताल कॉलोनी, गंडक बराज, लव कुश घाट, शिवपुरी, तीन आर डी पुल, टंकी बाजार, एवं हवाई अड्डा आदि क्षेत्रों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर चलंत दरिद्र नारायण भोज का आयोजन किया गया।

यहां 2012 से हो रहा है दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज का आयोजन, हर दिन सुबह-शाम लावारिस दिव्यांग, मानसिक बीमार व जरूरतमंदों को कराया जाता है भोजन

संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने बताया कि मानव सेवा ही सच्ची सेवा है। इस क्रम में घूम-घूम कर दर्जनों लावारिस दिव्यांग, मानसिक बीमार, एवं जरूरतमंदों को भोजन दिया गया। यूं तो विगत 14 नवंबर 2012 से हर दिन सुबह शाम घूम-घूम कर बाल्मीकि नगर के आसपास के इलाकों में दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज का आयोजन किया जाता है। परंतु विशेष अवसर पर विशेष व्यंजन परोसा जाता है ।

संस्था के सचिव अखिलानंद ने कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। इस मौके पर हवाई अड्डा के डॉक्टर संजय कुमार ,वनकर्मी अनमोल कुमार, संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजु देवी, लेखक एवं शिक्षक सच्चिदानंद सौरभ , व्यवसाई मनोज कुमार आदि की भूमिका सराहनीय रही।
लावारिस दिव्यांग जो चौक चौराहों पर भटकते रहते हैं जिन्हें कुछ लोग पागल समझ कर उनके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं करते, वैसे लावारिस दिव्यांग जनों और मानसिक बीमारी को भोजन प्रदान करना सचमुच सबसे बड़ी समाज सेवा है। आसपास के इलाकों में स्वरांजलि सेवा संस्थान के इस सामाजिक मुहिम की अक्सर चर्चा होती रहती है।

मानवता की मिसाल पेश करने के लिए संस्था के संस्थापक डी. आनंद और समाजसेवी संगीत आनंद भारत नेपाल में कई सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं। सचमुच दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज मानवता और इंसानियत की नजीर पेश करने वाला कार्यक्रम है। आसपास के इलाकों में इसकी खूब चर्चा हो रही है। संस्था द्वारा भूले भटके लोगों को उनके परिजनों से भी मिलवाया जाता है ।अब तक दर्जनों दिव्यांग महिला पुरुष एवं भूले भटके लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया जा चुका है।

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