पाकिस्तान से अवैध रूप से भारत में आई सीमा हैदर को यूपी एटीएस UP ATS ने हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल एटीएस ATS केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर सीमा हैदर के पाकिस्तान से यूपी तक अने और उसके संपर्कों के बारे में पड़ताल कर रही है, ऐसे में अब सीमा की मुश्किले बढ़ने लगी है, प्यार के खातिर पाकिस्तान से भारत आने वाली सीमा हैदर पर फिर से कानून का शिकंजा कस सकता है। केंद्रीय एजेंसियों के जांच शुरू करने के बाद पुलिस ने सीमा हैदर की जमानत खारिज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
Love or Conspiracy? Seema Haider detained by UP ATS, may be arrested
बताते चले पबजी खेलने के दौरान पाकिस्तान के कराची निवासी सीमा हैदर और रबूपुरा के सचिन मीणा के बीच जान-पहचान हुई थी, फिर वीडियो कॉलिंग के जान-पहचान प्यार में बदल गया, जिसके बाद सीमा अपने चार बच्चों के साथ 13 मई को नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से भारत आ गई थी। जब इस बात की जानकारी पुलिस को हुई तो सीमा हैदर अपने चारों बच्चों और सचिन के साथ फरार हो गई, लेकिन पुलिस टीम ने हरियाणा के बल्लभगढ़ से सभी को पकड़ा और यायालय में पेश किया था, न्यायालय के आदेश पर तीनों को जेल भेजा गया था, फिर न्यायालय ने दोनों को जमानत दे दी थी।
सूत्रों के मुताबिक एटीएस केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ सीमा हैदर के पाकिस्तान से दुबई और फिर नेपाल के रास्ते भारत आने के पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। ये भी पता लगाया जा रहा है कि इस दौरान उसने किन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया था। वहीं, ग्रेटर नोएडा निवासी सचिन के संपर्क में वह कब से थी और दोनों के बीच किन मोबाइल नंबरों से बातचीत की जा रही थी।
दरअसल, जांच एजेंसियों को बिना किसी की मदद के सीमा हैदर के दुबई होकर नेपाल आने और आसानी से भारत में प्रवेश करने की थ्योरी गले नहीं उतर रही है। उसके पुराने मोबाइल नंबरों का पता नहीं लगने से स्थानीय पुलिस को जांच आगे बढ़ाने में मुश्किलें आ रही थी, जिसकी वजह से एटीएस से मदद मांगी गई है।
सूत्रों की मानें तो एटीएस के दखल के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में अपने संपर्कों के जरिए सीमा हैदर का पूरा प्रोफाइल पता लगा रही हैं। उसके परिजनों के बारे में भी हर जानकारी बटोरी जा रही है।
सीमा हैदर के पाकिस्तानी मोबाइल, सिम कार्ड और सीमा पार की गतिविधियों की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है। पुलिस को संदेह है कि सीमा सबूतों को प्रभावित कर सकती है या फिर फरार हो सकती है। इसके अलावा कुछ नए तथ्यों के आधार पर पुलिस केस में धारा बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है।
अगर न्यायालय में पुलिस की अर्जी स्वीकार हो जाती है तो उसे फिर से जेल जाना पड़ सकता है, सीमा पर शिकंजा कानून का शिकंजा कसता है तो सचिन की भी मुश्किल बढ़ सकती हैं।