कानपुर नगर। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का मंच कानपुर के श्रमिक नेताओं ने युवा किसान की नृशंस हत्या और दर्जनों के घायल होने पर आक्रोश करते हुए काला दिवस मनाया, शहीद चंद्र शेखर आजाद प्रतिमा गोल चैराहे पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का मंच के कार्यकर्ताओं ने काला दिवस के रूप मे प्रदर्शन कर सरकार की दमनात्मक कार्यवाही का विरोध किया ।
राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन द्वारा मांग की गई कि हरियाणा पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा खनौरी और शंभू सीमाओं पर किसानों पर अभूतपूर्व और अकारण बल और उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता है। एक युवा की जान चली गई, बल्लो गांव के चरणजीत सिंह के बेटे शुभकरण सिंह की सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हो गई और खनौरी और शंभू सीमा पर दर्जनों किसानों को चोटें आई हैं। किसानों पर लाठीचार्ज, प्लास्टिक की गोलियों और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया है, जिनका कसूर सिर्फ इतना है कि वे देश की राजधानी पहुंचकर सरकार से मांग करना चाहते थे कि तीन कृषि कानून वापस लेने के वक्त किसानों से किए गए वादे पूरे किए जाएं, जिसके आधार पर उन्होंने दिल्ली की सीमाओं से आंदोलन उठाया था। सरकार अपने दिए गए वायदे को पूरा करे।
केंद्र में सत्तारूढ़ शासन और राज्यों में सत्तारूढ़ उनकी पार्टी किसी भी विरोध को कुचलने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल करने की साजिश कर रही है और सभी प्रकार के गैरकानूनी तारीकों का उपयोग करने पर आमादा है। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। देश के मजदूरों और किसानों के प्रति केंद्र सरकार के क्रूर रवैये पर संयुक्त मंच कड़ी भर्त्सना करता हैं। यह मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी सरकार जो कॉर्पोरेट, सांप्रदायिक सांठगांठ करके मजदूरों तथा किसानों पर अत्याचार को बढ़ावा दे रही है। संयुक्त मंच के नेताओं ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव को दिया गया।
प्रदर्शनकारियों में प्रमुखरूप से एच एन तिवारी, असित कुमार सिंह, तारणी कुमार पासवान, राजीव खरे, डॉक्टर राजेश सिंह, आर डी गौतम,गौरव दीक्षित, उमेश शुक्ल,योगेश ठाकुर,मो वशी,राणा प्रताप सिंह, रामप्रकाश राय, एस ए एम जैदी, रमेश विश्वकर्मा,ओपी रावत, देवेंद्र सिंह,शशिकांत शर्मा,विजय कुमार, अशोक तिवारी, ओम प्रकाश, सिद्धनाथ तिवारी, आशा खालिद,उमाकांत, आर पी श्रीवास्तव,मो रफीक, मोहम्मद खालिद,, कैलाश पासवान, आदि मौजूद रहे।