
बांदा (विनोद मिश्रा)। जिला मुख्यालय स्थित केन नदी में करिया नाला और निम्नी नाले का प्रदूषित पानी जानें से रोका जायेगा। इसके लिये DM दुर्गा शक्ति नागपाल ने बायोरेमिडेशन का कार्य कराए जाने के नगर पालिका बांदा के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिया है। बायोरेमिडेशन यानी जैवोपचारण की पद्धति से नदी में जाने वाली गंदगी को हटाने व क्षरण का प्रयास किया जाएगा।
केन नदी में करिया नाला और निम्नी नाले के जरिए पूरे शहर का पानी पहुंचता है। इस पानी में गंदगी रहती है। इसी नदी से शहर को पीने का पानी जल संस्थान की ओर से आपूर्ति किया जाता है।
आपको बता दें की बायोरेमिडेशन एक ऐसी विधि है जिसमें पर्यावरण प्रदूषण जैविक प्रणालियों का उपयोग कर नियंत्रित होता है। यह पर्यावरण और जीवों को प्रभावित किए बिना सफाई प्रक्रिया को गति देता है।
बायोरेमिडेशन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण में विषैले या खतरनाक पदार्थों को जैविक तरीकों से गैर विषैले या कम खतरनाक पदार्थों में बदलना है। इन विधियों को लागू करते समय सूक्ष्मजीवों की मुख्य चिता होती है क्योंकि वे विभिन्न प्रतिक्रियाओं का उपयोग करना और प्रदर्शित करना आसान है। आनुवंशिक रूप से संशोधित सूक्ष्मजीवों का उपयोग, मूल सूक्ष्मजीवों का उपयोग, फाइटोरिडिएशन, बायोस्टिम्यूलेशन, जैव आक्षेप आदि इस पद्धति के मूल हैं।