रायबरेली। घायल को अस्पताल ले जाने के स्थान पर चालक और सहायक एंबुलेंस Ambulance से सवारियां ढो रहे थे। जबकि एंबुलेंस में महिला तड़प रही थी। सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बाद जब एंबुलेंस अस्पताल पहुंची तब तक घायल महिला की मौत हो चुकी थी। मामले में चालक और मेडिकल टेक्नीशियन सहायक को हटा दिया गया है।
Was riding in an ambulance, the injured woman was suffering here, died
मामला सलोन थाना क्षेत्र के अंतर्गत ममुनी गांव का है। जहां एक बुजुर्ग महिला कर्मापति ( 70 साल) अपने बेटे प्रदीप के साथ मोटरसाइकिल से रानीगंज जा रही थी। रास्ते में अचानक मवेशी आ जाने से हादसे का शिकार होकर महिला घायल हो गई। उसके बाद महिला को सीएचसी ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
महिला को 108 एंबुलेंस से परिजन सलोन से लेकर जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए। रास्ते में एंबुलेंस चालक मरीज को जल्दी अस्पताल न पहुंचा कर रास्ते में सवारियां बैठाना शुरू कर दिया। परिजनों की लाख मिन्नतों के बावजूद भी चालक व सहायक ने एक न सुनी और एंबुलेंस के अंदर ही दो सवारियों को बैठा लिया। उसके बाद सवारियों को शहर में उतारने के बाद एंबुलेंस बुजुर्ग महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। लेकिन तब तक बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकी थी। महिला की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मच गया।
वहीं उसके बेटे प्रदीप ने एंबुलेंस चालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर जो एंबुलेंस रास्ते में सवारियां न बैठाकर जल्दी मेरी मां को अस्पताल पहुंचा देते और समय से इलाज हो जाता तो हो सकता था मेरी मां की जान बच जाती। इस बीच एंबुलेंस को रास्ते में रोककर दुर्घटना में घायल बुजुर्ग महिला के साथ सवारियां बैठाने का वीडियो वायरल हो गया है।