बांदा (विनोद मिश्रा)। चित्रकूट मंडल Chitrakoot Division का पानी सेहत के लिये जहरीला हो गया है। यहां के जल में फ्लोराइड की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। इस स्थिति पर एनजीटी नें चिंता जताई है। इस संदर्भ में जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद नें कहा जल जीवन मिशन से समस्या का निदान किया जा रहा है।
दरअसल राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी)में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्लूए)नें यह जांच रिपोर्ट दी है की प्रदेश के 75 जिलों में से 43 जिलों में के पानी में फ्लोराइड की मात्रा भयावह स्थिति में है। इनमें चित्रकूट मंडल के बांदा, चित्रकूट,महोबा, हमीरपुर जिले भी शामिल हैं। इस संदर्भ मे जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद नें बताया की इस रिपोर्ट को उन्होंने तलब किया है। इसका अध्ययन कर उसका समस्या का निराकरण तत्परता से होगा।
आपको बता देँ की सीजीडब्लूए की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सहित पूरे देश में 469 जिलों में फ्लोराइड एवं 230 जिलों में आर्सेनिक की अधिकता मिली है। सिसीडब्लू नें माना है दोनों रसायन धातु की पानी में मौजूदगी लोगों की सेहत के लिये खतरनाक है।
एनजीटी को सीजीडब्लू नें यह रिपोर्ट 18 दिसंबर को सौंपी है। इसमें कहा है की भूगर्भ जल में फ्लोराइड की तय मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर है। जबकि 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक फ्लोराइड की मात्रा दांतों ओर हड्डियों के लिये नुकसान दायक होती है। विकलांगता आती है। एनजीटी नें मुख्य सचिव से इसकी रोकथाम और बचाव के लिये किये जा रहे उपायों की रिपोर्ट भी मांगी है।
इस बारे में जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद नें बताया की चित्रकूट मंडल में तो इस दिशा में शासन स्तर पर ढाई दशक पहले से ही फ्लोराइड युक्त गांवों का चयन कर शुद्ध पेयजलापूर्ति की दिशा में कार्यवाई शुरू हुई थी। वर्तमान में पाईप लाईनों से जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति की कार्यवाई को युद्ध स्तर पर अमली जामा पहनाया जा रहा है। नई रिपोर्ट का भी अध्ययन किया जायेगा।