गोरखपुर। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 18 साल से कम उम्र के छात्र/छात्राओं को स्कूलों में वाहन लाने से रोकने के निर्देश दिए हैं। इस के लिए अब शिक्षा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। मोटर वाहन एक्ट के अंतर्गत नाबालिग के वाहन से अगर किसी तरह की दुर्घटना होती है तो अभिभावकों को तीन साल की जेल हो सकती है। साथ ही उनपर 25 हजार रुपये के जुर्माना का प्रावधान किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से विद्यालयों को निर्देश दिया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के विद्यार्थी जो बाइक, स्कूटी या कार लेकर विद्यालय आते हैं, उनपर तत्काल रोक लगाई जाए।
परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद विद्यार्थी परेशान हैं कि अब उन्हें स्कूल जाने में मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा, वहीं विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादातर अभिभावक इस सख्ती से खुश हैं,
स्कूलों में होगा रोड सेफ्टी क्लब का गठन
नाबालिगों के बाइक व स्कूटी चलाने पर रोक लगाते हुए उन्हें मार्ग दुर्घटनाओं से बचाने के लिए स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब के गठन किया जाएगा। स्कूलों की हर कक्षा में एक छात्र को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। कैप्टन की ओर से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा विषय पर हर सप्ताह जानकारी दी जाएगी।
संजय कुमार झा, संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन-
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बाइक नहीं चला सकते हैं। अगर वह सड़क पर बाइक या स्कूटी चलाते मिले तो उनके अभिभावकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।