झांसी। प्रेमा अपने पति को सोता समझकर उज्जैन से लेकर झांसी तक 427 किमी के सफर में प्रेमा को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि पति की सांस थम चुकी है, झांसी में ट्रेन पहुंचने पर जब रेलवे स्टाफ शव को उतारने पहुंचा, तो उसके होश उड़ गए, बाद में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार अयोध्या के इनायत नगर थाना इलाके के गांव मझलाई निवासी 36 वर्षीय रामकुमार कोरी सूरत में एक व्यापारी के यहां कार ड्राइवर था, वह अपनी पत्नी प्रेमा और दो बच्चे 8 वर्षीय राज व 7 वर्षीय सावित्री के साथ सूरत में रह रहा था। कि लगभग 20 दिन पहले सड़क दुर्घटना में रामकुमार घायल हो गया, घायल होने के बाद पत्नी प्रेमा अकेले होने की वजह से इलाज के लिए उसे बार-बार अस्पताल ले जाने पड़ता था जिससे परेशान प्रेमा अपने पति रामकुमार और बच्चों के साथ पति के दोस्त सुरेश यादव को लेकर गांव लौटने के लिए दो दिसंबर की रात एक बजे छायापुर स्टेशन से अयोध्या जाने के लिए पति को व्हीलचेयर की मदद से साबरमती एक्सप्रेस में कोच एस-6 में चढ़ाकर एक बर्थ पर लिटा दिया, इस में तीन सीट रिजर्व थे।
वही उज्जैन से लेकर झांसी तक 427 किमी के सफर में उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसके पति की मौत हो चुकी है, सुबह 8 बजे ट्रेन उज्जैन पहुंची तो उसने पति को जगाने की कोशिश की, लेकिन पति के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। प्रेमा को लगा कि वह गहरी नींद में हैं तो उसने पैर दबाना शुरू कर दिया।
इस बीच पति के दोस्त सुरेश यादव ने रामकुमार की नब्ज टटोली, तब पता चला कि सुरेश की सांसें थम चुकी हैं। लेकिन, उसने इसकी जानकारी प्रेमा को नहीं दी। उसे डर था कि पति की मौत की जानकारी लगने पर प्रेमा रोने-चीखने लगेगी, जिससे उन्हें रास्ते में ही उतरना पड़ेगा।
एसपी जीआरपी विपुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन में शव होने की सूचना पर तत्काल टीम मौके पर पहुंच गई थी। शव को ट्रेन से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया जो शव को लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए।