December 23, 2024
यहां कई इलाकों में जमीन धंसने से लोगों में दहशत, 9 वार्डों के 513 मकानों में आई बड़ी-बड़ी दरारें

जोशीमठ। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है। अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। बीती रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं जिससे पूरे नगर में दहशत फैल गई। इसी के चलते जोशीमठ में एशिया की सबसे लंबी रोपवे सेवा पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई। रोपवे के टावर नंबर 1 पर जमीन धंसने की वजह से ये फैसला लिया गया।

चमोली जिले के जोशीमठ में कुछ दिनों से जमीन धंसने और जमीन के नीचे से पानी रिसने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके चलते यहां कई इलाकों में लोगों के मकान जमीन के अंदर धंस रहे हैं। दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं। इसे लेकर लोग दहशत में हैं। इसे लेकर पिछले कई दिनों से जोशीमठ में लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं। वहीं बुधवार को जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावितों को कंपनी ने और अलग-अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया।
जोशीमठ में जमीन धंसने के विरोध में लोगों ने बंद बुलाया है। व्यापार सभा और टैक्सी यूनियन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। लोग लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में चमोली देहरादून की तरफ जाने वाले मार्ग पर जाम लग गया। पर्यटकों की गाडिय़ों भी इस जाम में फंस गईं।

Panic among people due to land subsidence in many areas, big cracks in 513 houses of 9 wards

जोशीमठ को बद्रीनाथ का द्वार माना जाता है। यहां पिछले कुछ दिनों से जमीन धंस रही है। जोशीमठ में 9 वार्डों के 513 मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। घरों के अलावा दुकानों और होटलों की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। लोगों का कहना है कि यहां बनने वाली तपोवन विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना की टनल यानी सुरंग के कारण जोशीमठ में जमीन धंस रही है।
जोशीमठ सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने बुधवार रात मशाल जुलूस निकालकर हृञ्जक्कष्ट जल विद्युत परियोजना का विरोध किया। लोगों का कहना है कि जमीन के नीचे से रिस रहे पानी का बहाव भी तेज हो गया है। जगह जगह से पानी निकल रहा है। घरों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ रही हैं। जोशीमठ मारवाड़ी वार्ड में पानी के रिसाव से लोग दहशत में हैं। यहां जेपी कंपनी के 35 भवन खाली कर दिए गए हैं । यहां पानी का जलस्तर दोगुना हो गया है। छह से सात जगहों पर जमीन के अंदर से पानी निकलता हुआ दिखाई दे रहा है।

उत्तराखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने इस मामले में चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, उस पर जल्दी ही अगर संज्ञान नहीं लिया गया, तो एक बड़ी आपदा हो सकती है।
जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों बहुत तेजी से नुकसान में इजाफा हुआ है। इस पर त्वरित करवाई करने की जरूरत है। वहा के स्थानीय लोग भी लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं। यह इलाका समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है। यानी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यहां पिछले कुछ दिनों में भूधंसाव में काफी तेजी आई है।

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