Siswa Bazar – Siswa was a big business center, now traders are worried, who is responsible?
Siswa Bazar सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा बाजार Siswa Bazar एक बड़ा व्यापारिक केन्द्र रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे यहां का व्यापार कम होने लगा है, जहां शहरों की तस्वीर विकास के रास्ते पर है वही सिसवा के व्यापारी परेशान हाल है, इस शहर के विकास के लिए जन प्रतिनिधियों ने कुछ ऐसा नही किया जिससे कहा जाए कि यह शहर भी विकास के रास्ते पर चल पड़ा है, सवाल तो है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
आजादी के बाद सिसवा शहर को लोग एक बड़े व्यापारी केन्द्र के रूप में जानते है, यहां दूर-दूर से व्यापारी सामानों की खरीद करने आते, चाहे कपड़ा हो, किराना हो या फिर गल्ला की खरीद करनी हो, आस-पास के शहरों, देहात क्षेत्रों के साथ ही सीमावर्ती बिहार राज्य से भी व्यापारी आते और सामानों की खरीद कर पैसेंजर ट्रेनों से वापस चले जाते, सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन ट्रेनों के समय से न आना यहां के व्यापार को खत्म करने में अहम भुमिका निभाया और पहले जो व्यापारी सामानों की खरीद करने आते वह अब नही आ रहे है।
बिहार से गोरखपुर जाने और वापस आने के लिए हर रोज पैसेन्जर ट्रेनें अपने समय से चला करती थी ऐसे में हर सुबह बिहार से सिसवा बाजार होते हुए गोरखपुर चली जाती और समय से गोरखपुर से वापस सिसवा होते हुए बिहार चली जाती, लेकिन अब ट्रेनों के आने-जाने का समय तो निर्धारित है लेकिन ज्यादातर ट्रेनें लेट चलती है ऐसे में व्यापारी जो सुबह सिसवा पहुंच कर सामानों की खरीद कर समय से वापस चले जाते थे, ट्रेनों के लेट चलने से सबकुछ गड़बड़ हो गया।
ट्रेनों की लेट होने से हर रोज जो व्यापारी सिसवा पहुंच कर कपड़ा, गल्ला, किराना, सब्जी की थोक खरीदारी करते थे अब नही आते और वह कही अन्य शहरों की तरफ चले गये है, जिससे यहां का व्यापार कम होने लगा।
इतना ही नही जनप्रतिनिधियों ने भी कुछ ऐसा कार्य नही किया जिससे सिसवा का विकाश हो और यहां का व्यापार बड़े जिससे लोगों में खुशहाली आये, आखिर इस का जिम्मेदार कौन है?