गोरखपुर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पलटी मारे जाने व दल बदल राजनीति को लेकर आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर आईपीएस अफसर द्वारा पूरे भारत में ज्ञापन दिए जाने की अपेक्षा पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिशा निर्देश के तहत पूर्वांचल प्रभारी डॉक्टर बी नाथ ने इस संबंध में लोगों के साथ मिलकर हर जिले में ज्ञापन दिया गया।
आजाद अधिकार सेना पूर्वांचल अध्यक्ष खैरुल्लाह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार 29 जनवरी 2024 को महामहीम राष्ट्रपति महोदया तथा चुनाव आयोग भारत सरकार नई दिल्ली को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारीयों के माध्यम से पूरे पूर्वांचल जिले में आजाद अधिकार सेना के जिला अध्यक्ष जोनल और मंडल अध्यक्ष के देखरेख में कार्यकर्ताओं के द्वारा ज्ञापन दिया गया। जिसमें महाराजगंज जनपद के जिला अध्यक्ष आजाद अधिकार सेना इकाई ओमप्रकाश जायसवाल ,हरी लाल वर्मा, छेदी प्रसाद तथा अन्य के नेतृत्व में ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया ।
उन्होंने बताया कि जिला देवरिया के जिला अध्यक्ष डॉक्टर बीपी शर्मा व गुदरी प्रसाद आदि ने जिलाधिकारी देवरिया को ज्ञापन दिया, इसी क्रम में प्रयागराज के जिला अध्यक्ष राम सिंह तथा राजेंद्र कुमार साहू मोहम्मद नासिर महेश चंद्र आदि लोगों ने जिला अधिकारी प्रयागराज को ज्ञापन दिया। पूर्वांचल के जिला मिर्जापुर के जिला अध्यक्ष चंद्र प्रकाश गौतम ने डिप्टी कलेक्टर मिर्जापुर को ज्ञापन दिया, वाराणसी इकाई के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार उपाध्याय ने जिलाधिकारी को ज्ञापन अपने साथियों के साथ दिया।
उन्होनें बातया ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य दल बदल राजनीति के कारण बहुत ही खतरनाक और दुष्परिणाम लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार होता जा रहा है, विगत कई वर्षों से ऐसी स्थितियां दिखाई दे रही हैं। जबकि व्यक्तिगत स्तर पर लाभ सत्ता बदल कर लिया जा रहा है। अर्थात चुनाव कुछ दिन पूर्व दल बदल कर गठबंधन कर लेना जनता के साथ धोखा होता है, जनता को प्रभावित करने के लिए एक विरोधी दल के खिलाफ वोट मांगते हैं । किंतु चुनाव के बाद सत्ता की लालच में विरोधियों से गठबंधन करना लोकतांत्रिक हत्या के सामान है। उनके खिलाफ बोलकर जनता से वोट मांगा जाता है, और सफल होने पर दल बदल लिया जाता है। जिससे आम जनमानस में लोकतांत्रिक समीकरण का उपहास किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति महोदया व चुनाव आयोग से मांग किया गया है, की दलदल कानून लाया जाए, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था दल बदल खतरे से बाहर हो ,तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था वास्तविक रूप से बनी रहे।