November 21, 2024
Gorakhpur- नटराज संगीत सदन द्वारा उर्दू के सुप्रसिद्ध शायर फिराक गोरखपुरी की जयंती के पूर्व संध्या पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह

Gorakhpur। नटराज संगीत सदन गोरखपुर के द्वारा उर्दू के सुप्रसिद्ध शायर फिराक गोरखपुरी की जयंती के पूर्व संध्या पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठकवि सुभाष यादव ने कहा कि फिराक गोरखपुरी उर्दू साहित्य की एक ऐसी लव है जो सदैव जगमगाती रहेगी और अपनी शायरी से मोहब्बात का पैगाम देती रहेगी।

Gorakhpur- नटराज संगीत सदन द्वारा उर्दू के सुप्रसिद्ध शायर फिराक गोरखपुरी की जयंती के पूर्व संध्या पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कार्यक्रम के वरिष्ठ समाजसेवी विजय श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में कमर कुरैशी “राजू”, आकृति विज्ञा अर्पण, संजय कुमार यादव उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत सौम्या यादव की सरस्वती वंदना के साथ हुआ, कार्यक्रम का संचालन करते हुए मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा,
मुझको मेरे किरदार से बाद में जाना जाए, पहले मुझको मेरे वालिद के नाम से जाना जाए।
गौतम गोरखपुरी ने पढ़ा,
इक नईं राह दिखा के दुनिया को यूं जो चल दिए तुम, ऐ फिराक तुझे मगर अब भी जमाना ढूंढता है।
वसीम मजहर गोरखपुर ने पढ़ा,
कौन सच्चा दोस्त है अहसास ख़ुद हो जाएगा, मुश्किलों में जानिब ए अहबाब मत देखा करो।

Gorakhpur- नटराज संगीत सदन द्वारा उर्दू के सुप्रसिद्ध शायर फिराक गोरखपुरी की जयंती के पूर्व संध्या पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह

एकता उपाध्याय ने पढ़ा,
जमीं के फूलों से चांद तारों ने दुआ मांगी होगी, तू जहां गया वो दुनियां तेरे नूर से रोशन होगी।
अरविंद यादव, डॉक्टर सरिता सिंह, अजय यादव, उत्कर्ष पाठक ने काव्य पाठ किया |
इस अवसर पर पुनीत कुमार यादव, लाल शर्मा, चंद्रभान यादव, आयुषी आदि उपस्थित रहे।

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