सिसवा बाजार-महाराजगंज। सिसवा विकासखंड के ग्राम पकड़ी चौबे में पशुशेड निर्माण के नाम पर घोटाले की जांच में 2.80 लाख रुपये के गोलमाल का मामला सामने आने के बाद जहां जिलाधिकारी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए रोजगार सेविका की संविदा समाप्त करने व पूर्व ग्राम प्रधान सहित तत्कालीन सचिव व तकनीकी सहायक से रिकवरी के आदेश के साथ ही उनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया लेकिन आदेश के एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी जिलाधिकारी के आदेश का यहां कोई असर देखने को नही मिल रहा है।
बताते चले सिसवा विकासखंड के ग्राम पकड़ी चौबे में ग्राम के ही निवासी हरिहर पुत्र किशुन, कमरून व अन्य की शिकायत के बाद पशुशेड घोटाले का मामला सुर्खियों में आया, 6 सितम्बर 2023 की शिकायत पर जिलाधिकारी ने उपायुक्त (श्रम रोजगार) महाराजगंज को जांच सौपीं।
उपायुक्त (श्रम रोजगार) महराजगंज द्वारा 23 सितम्बर 2023 को ग्राम पंचायत पकड़ी चौबे का औचक निरीक्षण किया गया, जांच में काफी अनियमितता पाई गई, जिसमें भोजा पुत्र बंसी 65 हजार, राधेश्याम पुत्र वंशराज 52 हजार, संत पुत्र मुसई 12 हजार, विश्वनाथ पुत्र शिव मंगल 15 हजार, हरिहर पुत्र किशुन 74 हजार व कमरून पत्नी नसरुद्दीन 62 हजार रुपये, कुल 2.80 लाख रुपये भुगतान का दुरुपयोग किया गया है।
इस मामले में जांच के बाद जिलाधिकरी ने 30 सितम्बर को रोजगार सेवक श्रीमती शशिकला की संविदा समाप्त कर करने, पूर्व ग्राम प्रधान रामानंद यादव से 93 हजार 333 रुपये, तत्कालीन तकनीकी सहायक कमलजीत सिंह से 93 हजार 333 रुपये और ग्राम विकास अधिकारी शशिकांत पांडे से 93 हजार 333 रुपये रिकवरी के साथ ही चारों लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया।
9 दिन गुजर गये नही हुई कार्यवाही
पकड़ी चौबे में पशुशेड मामले में जांच के बाद जिलाधिकारी ने 30 सितम्बर को रोजगार सेवक श्रीमती शशिकला की संविदा समाप्त कर करने, पूर्व ग्राम प्रधान रामानंद यादव से 93 हजार 333 रुपये, तत्कालीन तकनीकी सहायक कमलजीत सिंह से 93 हजार 333 रुपये और ग्राम विकास अधिकारी शशिकांत पांडे से 93 हजार 333 रुपये रिकवरी के साथ ही चारों लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के 9 गुजर चुके है अब तक खण्ड विकास अधिकारी द्वारा मामला दर्ज नही कराया गया।