June 22, 2025
गोरखपुर में हुआ ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐतिहासिक स्वागत

गोरखपुर । गोरखपुर ने आज एक ऐतिहासिक पल देखा, जब ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हज़रत मौलाना सूफ़ी सैफुल्लाह क़ादरी साहब का ज़ोरदार स्वागत और सम्मान किया गया। सनराइज एजुकेशनल एंड वेलफेयर एसोसिएशन (SEWA) की ओर से आयोजित इस समारोह में गोरखपुर की नामचीन सामाजिक, शैक्षिक और धार्मिक संस्थाओं ने उन्हें फूलों की मालाएं, गुलदस्ते और स्मृति-चिन्ह भेंट कर श्रद्धा और सम्मान अर्पित किया।

गोरखपुर में हुआ ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐतिहासिक स्वागत

कार्यक्रम में शामिल हुए समाजिक कार्यकर्ता, मंच पर राष्ट्रीय एकता का दृश्य दिखा,उ कार्यक्रम का आयोजन सनराइज कोचिंग सेंटर, गोरखपुर में हुआ, जहां संस्था के फाउंडर डायरेक्टर मोहम्मद आक़िब अंसारी ने कहा, हज़रत सूफ़ी सैफुल्लाह क़ादरी साहब का अंदाज़े ख़िदमत सबसे जुदा है। उन्होंने ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के ज़रिए जो काम किए हैं, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल हैं।
हज़रत मौलाना सूफ़ी सैफुल्लाह क़ादरी साहब ने कहा मुसलमान सिर्फ मज़हबी नहीं, क़ौमी और क़ानूनी दायित्वों में भी सबसे आगे हों, उन्होंने अपने 35 मिनट के ऐतिहासिक संबोधन में ज़ोर देते हुए कहा भारतीय मुसलमानों को हर मैदान में उतरना चाहिए, शिक्षा, विज्ञान, पत्रकारिता, प्रशासन हर जगह। हमें दीनी तालीम के साथ दुनियावी इल्म भी हासिल करना होगा। अगर इस्लाम हमें न मिला होता, तो हम इंसानियत की इस सेवा से महरूम रह जाते। उन्होंने आगे कहा ग़ौसे आज़म फाउंडेशन बिना भेदभाव के, इंसानियत की सेवा कर रही है। यही असल इस्लाम है।

गोरखपुर में हुआ ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐतिहासिक स्वागत

इस अवसर पर कई सम्मानित अतिथियों ने मंच साझा किया और सूफ़ी सैफुल्लाह क़ादरी साहब की प्रशंसा की, डॉक्टर एहसान अहमद, सदस्य, माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, हाजी जलालुद्दीन क़ादरी, अध्यक्ष, जामिया हनफिया क़ादरिया ट्रस्ट, मक़सूद अली, महासचिव, रज़ा इंटरनेशनल रिलीफ ट्रस्ट, अफ़रोज़ अहमद, कोषाध्यक्ष, अल-फलाह एजुकेशनल एंड सोशल सोसायटी, मोहम्मद अब्दुल्लाह, वरिष्ठ पत्रकार, डॉक्टर मुनाज़िर हसन, इमरान अहमद, नसीम अशरफ़ फारूक़ी भी मंच पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम का समापन दुआ और राष्ट्रीय एकता की दहाड़ के साथ हुआ। पूरे समारोह में गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक देखने को मिली। समापन पर देश, मानवता और समाज की बेहतरी के लिए सामूहिक दुआएं की गईं।

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